Gyanvapi Masjid in Varanasi: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्याथ ने सोमवार को बड़ा बयान दिया है.गोरखपुर दौरे पर सीएम योगी ने कहा कि ज्ञानवापी को मस्जिद कहना सही नहीं होगा. ज्ञानवापी में त्रिशूल क्या कर रहा है. ज्ञानवापी में सनातन साक्ष्य मौजूद हैं. सीएम योगी ने कहा, ज्ञानवापी की दीवारों पर कई सबूत हैं, वहां की दीवारें चिल्ला चिल्ला कर क्या कह रही हैं. मुझे लगता है कि जो ऐतिहासिक गलती हुई है, उसको सुधारने के लिए मुस्लिम समाज की ओर से पहल होनी चाहिए. भगवान ने जिसको दृष्टि दी है, वो देखे ना. वहां ज्योर्तिलिंग हैं, देव प्रतिमाएं हैं. मुस्लिम समाज को आगे आना चाहिए और उन्हें यह पहल करनी चाहिए कि इस समस्या का समाधान हो. 



COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सीएम योगी ने कहा, मैं पिछले छह वर्षों से उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री हूं. 2017 से उत्तर प्रदेश में कोई दंगा नहीं हुआ. बड़ी बड़ी बात करने वाले जरा देखें तो यूपी में कैसे विधानसभा चुनाव, पंचायत चुनाव और नगर निकाय चुनाव हुए हैं. लोगों को देखना चाहिए कि कैसे पश्चिम बंगाल में चुनाव के दौरान हिंसा हुई. 1990 में जो कश्मीर में हुआ, उस पर कोई कुछ नहीं बोला. ये दोहरा दृष्टिकोण क्यों है. पश्चिम बंगाल में भी पंचायत चुनाव हुए, क्या हाल हुआ. कुछ लोग सत्ता में आकर सत्ता को अपनी मुट्ठी में कैद करना चाहते हैं. 


Gyanvapi Mosque Survey: ज्ञानवापी मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, ASI सर्वे मामले में बेंच का गठन


सावन सोमवार पर योगी आदित्यनाथ का ये बयान बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब एएसआई सर्वे को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में हिन्दू और मुस्लिम पक्ष के बीच रस्साकशी चल रही है. कोर्ट ने तीन अगस्त तक सर्वे पर रोक लगा रखी है. क्या इसके पीछे मंशा यह है कि अयोध्या मंदिर की तरह यह मामला भी लंबा न खिंचे और काशी मथुरा पर सुलह समझौते के जरिये समाधान निकल आए. इससे पहले हाईकोर्ट ने भी सुनवाई के दौरान सवाल किया था कि क्या इस मुद्दे को हल करने के लिए कभी सुलह समझौते का प्रयास नहीं किया गया. 


सीएम योगी का कहना है कि देश में रहना है तो वंदेमातरम कहना होगा. ज्ञानवापी मामले से जुड़े याचिकाकर्ता ने कहा, सीएम योगी का बयान एकदम सही दिशा में है. मुस्लिम पक्ष को अपनी जिद छोड़नी चाहिए. एक अन्य विशेषज्ञ ने कहा, ज्ञानवापी पर मुस्लिम पक्ष को स्वस्थ और सकारात्मक तरीके से आगे गए. अगर वहां मस्जिद है तो मुस्लिमों को ज्ञानवापी के सर्वे से ऐतराज क्यों है. ऐतिहासिक तरीके से विध्वंसक लोगों ने मंदिरों को ध्वस्त किया औऱ उन्हें अपमानित करने का प्रयास किया. 


योगी आदित्यनाथ ने एएनआई को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा, ज्ञानवापी के अंदर देवी देवताओं की प्रतिमाएं हैं. पूरी दीवारें चिल्ला-चिल्लाकर क्या कह रही हैं. वहां प्रतिमाएं हमने तो नहीं रखी हैं. अगर ज्ञानवापी को मस्जिद कहेंगे तो विवाद तो होगा ही, मुझे लगता है कि वहां ऐतिहासिक गलती हुई है.सीएम ने कहा,ये मुस्लिम समाज की ओर से प्रस्ताव आना चाहिए कि साहब. इस ऐतिहासिक गलती का समाधान होनी चाहिए. 


विपक्ष के गठबंधन पर योगी ने कहा,  I.N.D.I.A नहीं बोलना चाहिए, ये डॉट कॉम ग्रुप है. वहीं विपक्षी दलों के I.N.D.I.A गठबंधन पर भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि इसे इंडिया नहीं बोलना चाहिए यह जो डॉट कॉम ग्रुप है, चोला बदलने से उनके पिछले कर्मों से मुक्ति नहीं मिल जाएगी.


हिन्दू पक्ष के वकील मदन मोहन ने कहा, सीएम योगी अगर ये बात कह रहे हैं, तो वो गलत नहीं है.नवंबर 1993 तक निरंतर शृंगार गौरी मंदिर में पूजा होती रही है. काशी मथुरा विवाद का समाधान हमेशा के लिए होना चाहिए. मुस्लिम पक्ष को सच्चाई स्वीकार करना चाहिए. वहां नागर शैली में मंदिर वहां बना है, कमल बना है. ये महज जिद है, मस्जिद नहीं है. एएसआई सर्वे से सच्चाई सामने आएगी. मुझे लगता है कि मुस्लिम समुदाय में भी मंथन चल रहा है, इसको लेकर.


सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, ज्ञानवापी मस्जिद है इसीलिए प्रकरण कोर्ट में गया है अगर मंदिर होता तो विवाद कोर्ट में जाता ही नहीं.


ज्ञानवापी में मूर्तियां और दीवारें चिल्ला-चिल्ला कर क्या कह रही हैं, सीएम योगी आदित्यनाथ का बयान