चलती बस में ड्राइवर पर जानलेवा हमला, चालक की हिम्मत से टला बड़ा हादसा, बची 55 यात्रियों की जान
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चलती बस में ड्राइवर पर जानलेवा हमला, चालक की हिम्मत से टला बड़ा हादसा, बची 55 यात्रियों की जान

उत्तर प्रदेश में एक सिरफिरे ने चलती बस में अचानक ड्राइवर के सर पर लोहे की रॉड से हमला कर दिया. खून से लथपथ चालक ने अपनी जान की परवाह किए बगैर बस को कंट्रोल किया और कोई बड़ी अनहोनी से बचा लिया.

चलती बस में ड्राइवर पर जानलेवा हमला, चालक की हिम्मत से टला बड़ा हादसा, बची 55 यात्रियों की जान

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में एक बड़ा चौकाने वाला मामला सामने आया है, जहां रोडवेज बस में सवार एक सिरफिरे ने चलती बस में अचानक ड्राइवर के सिर पर लोहे की रॉड से हमला कर दिया. इस हमले से ड्राइवर का सिर फट गया और खून बहने लगा. अपनी जान की परवाह किए बगैर खून से लथपथ हालत में चालक ने किसी तरह हाईवे पर चलती बस को कंट्रोल किया और कोई बड़ी अनहोनी से बचा लिया.

यह घटना बहराइच के थाना जरवल क्षेत्र की है. लखनऊ-बहराइच हाईवे पर यात्रियों से भरी रोडवेज बस लेकर चालक शिवपूजन शर्मा बहराइच से लखनऊ जा रहे थे. तभी अठईसा गांव के पास पहुंचने पर चालक के पास बैठे एक सिरफिरे यात्री ने लोहे की रॉड उठाकर अचानक उसके सिर पर मार दिया, जिससे उसका सिर फट गया. हमले के चलते बस अनियंत्रित हो गई, लेकिन चालक ने हिम्मत जुटाकर खून से तरबतर हालत में बस को किसी तरह किनारे लगाया, जिससे बस में सवार सभी यात्री चोटिल होने से बाल-बाल बच गए.

बस के कंडक्टर ने एंबुलेंस बुलाकर नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुस्तफाबाद जरवल में भर्ती कराया, जहां चालक के सिर पर चार टांके आए हैं तथा प्राथमिक उपचार के उपरांत घर भेज दिया गया है. कंडक्टर ने बताया सिरफिरे को लेकर पुलिस अस्पताल पहुंची तो वहां भी उसने लाठी लेकर सबको दौड़ाना शुरू कर दिया. लेकिन किसी तरह से उसको कंट्रोल किया गया. बस में मौजूद सिरफिरे हमलावर के भाई ने बताया कि उसका लखनऊ से इलाज चल रहा है. इलाज के लिए ही लखनऊ लेकर जा रहे थे. अचानक उसका दिमागी संतुलन बिगड़ जाता है और वह नियंत्रण से बाहर हो जाता है.

पीड़ित चालक शिवपूजन शर्मा ने बताया कि जिस समय ये वाकिया हुआ, उस वक्त बस में 55 यात्री सवार थे. अगर कहीं ये घटना घाघरा पुल के पास होती तो सवारियों से भरी पूरी बस नदी में पलट सकती थी. उन्होंने बताया कि जब उसके सर पर लोहे के रॉड से हमला हुआ तो उसकी आंखों के सामने अंधेरा छा गया. फिर क्या था किसी तरह हिम्मत जुटाकर सवारियों से भरी बस को किनारे लगाया और फिर सभी यात्रियों को दूसरे बस में शिफ्ट करने के बाद, आसपास के लोगों की मदद से नजदीकी अस्पताल में जाकर अपना इलाज कराया.

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