यूपी चुनाव: सातवें चरण में और भी दिलचस्प होगा इलेक्शन, इन हॉट सीटों पर रहेगी सबकी नजर
UP Election 7th Phase Hot Seats: यहां जानें पूर्वांचल की किन सीटों पर इस बार चुनाव ज्यादा दिलचस्प और मजेदार होने वाला है. मैदान में मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी हैं. इसके अलावा, राजभर द्वारा किया गया दावा कि वह पूर्वांचल की अधिकतर सीट जीत कर दिखाएंगे, कितना सच होता है...
UP Election 7th Phase Hot Seats: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की शुरुआत 10 फऱवरी से हुई और 3 मार्च तक 6 चरणों के मतदान संपन्न हो गए. अब सातवां चरण 7 मार्च को है, जिसकी तैयारियों में सभी दलों ने अपनी जी-जान लगा दी है. सातवें चरण में 9 जिलों की 54 सीटों पर वोटिंग होनी है. वहीं, इस चरण में भी चुनाव दिलचस्प होने वाले हैं क्योंकि कई बड़ी सीटों पर इस बार लोगों की नजर रहेगी. इसके अलावा, कई बड़े चेहरे में मैदान में उतरे हैं.
मेगा रोड शो के बाद चाय की चुस्की के साथ उतारी थकान, आधी रात कैंट रेलवे स्टेशन पहुंचे पीएम मोदी
इन 9 जिलों में है मतदान
चुनाव के सातवें फेज में जो 9 जिले कवर होने हैं, उनमें आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, जौनपुर, वाराणसी, मिर्जापुर, गाजीपुर, चंदौली और सोनभद्र शामिल हैं.
ये हैं 54 विधानसभा सीटें
9 जिलों में कुल 54 विधानसभा क्षेत्र हैं, जहां मतदान होना है. यहां जानें नाम-
ओबरा, अतरौला, अजगर, औराई, भदोही, चकिया, छांबी, दुद्धी, दीदारगंज, गोपालपुर, घोसी, ज्ञानपुर, मधुबन, मुबारकपुर, मोहम्मदाबाद गहना, मऊ, मछली शहर, मिर्जापुर, मरियाहू, मझवां, मोहम्मदाबाद, मुगलसराय, मुंगरा बादशाहपुर, रॉबर्ट्सगंज, रोहनियां, सकलडीहा, सागरी, शिवपुर, सेवापुरी, सैयदपुर, चुनार, शाहगंज, जौनपुर, मल्हानी,बदलापुर, पिंडारा, आजमगढ़, निजामाबाद, जमानिया, फूलपुर- पवई, लालगंज, मेहरगढ़, जाफराबाद, सैदपुर, मरिहां, घोरावल, वाराणसी उत्तर, वाराणसी दक्षिण, वाराणसी कैंट, गाजीपुर, जंगीपुर, और जहूराबाद.
यहां जानें सातवें चरण में कौन सी हैं हॉट सीटें
आज़मगढ़, मऊ, ज़हूराबाद, मोहम्मदाबाद, वाराणसी उत्तर, वाराणसी दक्षिण, वाराणसी कैंट, ज्ञानपुर
Mission Indradhanush: कोरोना के चलते वैक्सीनेशन से छूटे 8.50 लाख बच्चों का टीकाकरण अब 7 मार्च से
वाराणसी उत्तर: यह सीट सपा-भाजपा के बीच कांटे की टक्कर के लिए जानी जाती है. बीते 2 चुनावों में यहां बीजेपी ने झंडा गाढ़ा. 2017 के चुनाव में वाराणसी उत्तरी से भाजपा के रविंद्र जायसवाल ने कांग्रेस के अब्दुल समद अंसारी को 45 हजार से ज्यादा वोटों से हराया और विधायक बने . इस बार भी बीजेपी ने रविंद्र जायसवाल पर ही भरोसा जताया है. इसके अलावा, आम आदमी पार्टी ने डॉक्टर आशीष जायसवाल को चुनाव मैदान में उतारा है. बता दें, यहां अनुमानित मतदाता कुल 4 लाख हैं.
वाराणसी दक्षिण: यह सीट 30 साल से बीजेपी के पास ही रही है. इस बार भाजपा ने प्रत्याशी के तौर पर धर्मार्थ कार्य मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी को उतारा है. वहीं, सपा ने महामृत्युंजय मंदिर के महंत कामेश्वर नाथ दीक्षित उर्फ किशन को टिकट दिया है. माना जा रहा है कि इस विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी की 30 साल की पकड़ को कमजोर करने के लिए सपा ने मजबूत दांव चला है. इसके अलावा. बसपा के दिनेश कसौधन गुप्ता और कांग्रेस की मुदिता कपूर भी इस चुनाव मैदान में हैं.
वाराणसी कैंट: वाराणसी शहरी की सीटों में शामिल कैंट सीट पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है. इस बार सपा, बसपा और आप भी भाजपा के खिलाफ अपनी दावेदारी कर रहे हैं. इस सीट पर करीब 20 साल से बीजेपी की पकड़ है. इसे एक तरह से बीजेपी का गढ़ भी कहा जा सकता है. मौजूदा समय में यहां के विधायक बीजेपी के सौरभ श्रीवास्तव हैं. इस बार भी बीजेपी ने सौरभ श्रीवास्तव को ही टिकट दिया है. बता दें, यहां अनुमानित मतदाताओं की संख्या 4 लाख 38 हजार है.
मऊ: मऊ विधानसभा क्षेत्र मुख्तार अंसारी के नाम से जाना जाता है. माफिया मुख्तार अंसारी मऊ सीट से पिछली पांच बार से चुनाव जीतता आ रहा है. पिछली बार मुख्तार ने सुभासपा के प्रत्याशी को 8 हजार वोट से हराया था. हालांकि, इस बार मुख्तार अंसारी पहली बार मैदान में नहीं उतरा है. दूसरी बड़ी बात यह है कि मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी सुभासपा के टिकट पर ही चुनाव लड़ने वाले हैं.
आजमगढ़: इस सीट पर सिर्फ प्रत्याशी ही नहीं, बल्कि सपाध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रतिष्ठा भी दांव पर है. वजह है कि 2 दशक से यह सीट सपा के पास है. वहीं, पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट पर सपा मुखिया अखिलेश यादव सांसद चुने गए. इस सीट पर सपा के तिलिस्म को तोड़ने के लिए बसपा ने बाहुबली ठाकुर पर दांव लगाया है तो भाजपा ब्राह्मण कार्ड खेलने की तैयारी में है.
मोहम्मदाबाद: गाजीपुर जिले की मोहम्मदाबाद सीट यूपी चुनाव में अहम मानी जाती है. 2017 के विधानसभा चुनाव में यहां बीजेपी की अल्का राय ने बसपा उम्मीदवार सिबगतुल्ला अंसारी को हराकर विधायक की कुर्सी ली थी. इस सीट पर मुख्तार अंसारी के परिवार और अलका राय के बीच में टक्कर रही है. साल 2002 में अलका राय के पति कृष्णानंद राय यहां से बीजेपी विधायक बने थे. कृष्णानंद राय की हत्या का आरोप मुख्तार अंसारी पर लगा था.
WATCH LIVE TV