पछुआ हवाओं ने बढ़ाई किसानों की मुश्किलें, दिन में सिंचाई से गेहूं की फसल को हो रहा नुकसान, की ये मांग
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पछुआ हवाओं ने बढ़ाई किसानों की मुश्किलें, दिन में सिंचाई से गेहूं की फसल को हो रहा नुकसान, की ये मांग

 पछुआ हवाओं के कारण किसानों की परेशानियां बढ़ गई हैं. जिससे गेहूं की फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है. जिस कारण किसानों ने मांग की है कि अगले 15 दिनों तक उन्हें सिंचाई के लिए दिन के बजाय रात के समय बिजली की आपूर्ति की जाए. 

पछुआ हवाओं ने बढ़ाई किसानों की मुश्किलें, दिन में सिंचाई से गेहूं की फसल को हो रहा नुकसान, की ये मांग

नई दिल्ली: करीब एक हफ्ते से पछुआ हवाओं ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. इस समय खेतों में लगी गेहूं की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है. किसान फसलों की सिंचाई तो कर रहे हैं, लेकिन इन तेज हवाओं के चलते फसलें बुरी तरह से बर्बाद हो रही हैं. जिससे गेहूं की होने वाली पैदावार पर किसानों को 20 से 30 प्रतिशत तक का नुकसान झेलना पड़ सकता है. इन तेज हवाओं के चलते फसलों के गिरने से पशुओं के लिए भूसे का संकट भी खड़ा हो सकता है.        

सिंचाई के लिए रात के समय बिजली आपूर्ति की मांग
पछुआ हवा की समस्या को देखते हुए आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, एटा, हाथरस और अलीगढ़ समेत कई अन्य जिलों के किसानों ने सरकार से की है कि बिजली आपूर्ति के शेड्यूल को बदलकर अगले 15 दिनों तक सिंचाई के लिए रात में बिजली की आपूर्ति की जाए. ऐसा इसलिए क्योंकि रात के समय पछुआ हवा काफी हद तक थम जाती है. रात के समय सिंचाई करने से दिन में फसलों के गिरने से होने वाले नुकसान की आशंका भी काफी कम रहती है.    

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यूपी से सटे राज्यों में भी दिख रहा पछुआ का असर 
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस समस्या को लेकर यूनियन की शनिवार को आगरा में एक बैठक हुई. जिस दौरान इस बात पर चर्चा की गई कि बिजली आपूर्ति के शेड्यूल में बदलाव करने से किसानों को काफी राहत मिलेगी. साथ ही गेहूं की एमएसपी और किसानों से जुड़े कुछ अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की गई. पूरे देश में सबसे ज्यादा गेहूं का उत्पादन उत्तर प्रदेश राज्य में किया जाता है, लेकिन पछुआ हवाओं के कारण गेहूं की फसल को यूपी समेत इससे सटे हरियाणा और मध्यप्रदेश में भी नुकसान हो सकता है.     

सिंचाई के लिहाज से अगले 15 दिन महत्वपूर्ण
माना जा रहा है कि आने वाले अगले 15 दिन इन फसलों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं. इस दौरान गेहूं की फसल को तीसरा व आखिरी पानी लगाया जाएगा. रात के समय हवा धीमी गति से बहती है, जिस कारण फसल सीधी खड़ी रहती हैं. वहीं दिन में तेज हवाओं के चलते सिंचाई के वक्त फसल बाली समेत जमीन पर गिर जाती हैं. इससे फसल की डालियां पानी में सड़ने लगती हैं और साथ ही उनकी बालियों को भी नुकसान पहुंचाता है.

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