Lucknow Bus Station Name Change : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राजधानी लखनऊ के कई बस स्टेशनों के नाम बदल दिए हैं. लखनऊ में आलमबाग का नाम बदलकर वीरांगना ऊदा देवी बस स्टेशन कहलाएगा. चारबाग और कैसरबाग बस स्टेशन को भी नया नाम मिल गया है. आलमबाग बस टर्मिनल को कुछ दिनों बाद वीरांगना ऊदा देवी बस स्टेशन के नाम से जाना जाएगा.चारबाग को पंडित राम प्रसाद बिस्मिल बस स्टेशन नाम दिया जाएगा, कैसरबाग को बेगम हजरत महल बस स्टेशन और अवध बस स्टेशन को ठाकुर रोशन सिंह बस स्टेशन के नाम से जाना जाएगा. यूपी सरकार जल्दी इस प्रस्ताव पर मुहर लगाएगी. योगी सरकार पहले भी गोरखपुर समेत कई जगहों पर नामों को बदल चुकी है.


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परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह का कहना है कि उत्तर प्रदेश के जिस जिले स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जो भी शहीद हुआ है, उस जिले के बस स्टेशन का नाम उसी के नाम पर रखा जाएगा. जिलाधिकारियों से शहीदों की सूची तैयार करने को कहा गया है. लखनऊ के चारों बस स्टेशनों  के नाम शहीदों के नाम पर तय कर लिए गए हैं.


राजधानी लखनऊ का चारबाग बस स्टेशन(Charbagh Bus Station) , कैसरबाग बस स्टेशन (Kaiserbagh Bus Station) , आलमबाग बस स्टेशन (Alambagh Bus Station)  और अवध बस स्टेशन (Awadh Bus Station) के नाम जल्द बदले जाएंगे. पहले आलमबाग बस स्टेशन का नाम क्रांतिकारी वीरांगना ऊदा देवी के नाम पर रखा गया. एसी बस स्टेशन कैसरबाग बस स्टेशन को बेगम हजरत महल बस स्टेशन के नाम से जाना जाएगा. चारबाग बस स्टेशन को क्रांतिकारी पंडित राम प्रसाद बिस्मिल (Ram Prasad Bismil Station) बस स्टेशन और अवध बस स्टेशन को ठाकुर रोशन सिंह के नाम से जाना जाएगा।


आलमबाग बस स्टेशन को पहले डॉ. भीमराव अंबेडकर बस स्टेशन के नाम से जाना जाता था. वर्तमान में आलमबाग बस स्टेशन के रूप में मशहूर है.अब यह बस स्टेशन वीरांगना ऊदा देवी बस स्टेशन कहलाएगा. 2017 में लखनऊ के चौथे बस स्टेशन के तौर पर तैयार कामता बस स्टेशन का नाम 2020 में अवध बस स्टेशन रखा गया था.
बस स्टेशनों के नाम तय करने वाली समिति में लखनऊ के जिलाधिकारी, लखनऊ के ARTO (प्रशासन), जिला सूचना अधिकारी, जिला पर्यटन अधिकारी और सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक शामिल थे. इसी समिति ने चारों बस स्टेशनों के नाम तय किए.


इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले गोरखपुर में 50 से ज्यादा वार्डों के नाम बदले थे. इसमें मियां बाजार का नाम माया बाजार और अली नगर का नाम आर्य नगर किया गया था. सिख बहुल मोहद्दीपुर वार्ड का नाम अब सरदार भगत सिंह नगर रखा गया था. पुर्दिलपुर वार्ड को विजय चौक का नाम दिया गया था. जनप्रिय विहार वार्ड का नाम भी बदला गया था. राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां औऱ सरदार भगत सिंह के नाम पर तमाम वार्डों के नाम रखे गए थे.


कुछ दिनों पहले गोरखपुर जिले में नगरपालिका परिषद मुंडेरा बाजार (Mundera Baazar) का नाम भी बदला था. इसे चौरी चौरा (Chauri-Chaura) नाम दिया गया था. देवरिया जिले का तेलिया अफगान (Telia Afghan)गांव का नाम भी बदला था. इसे तेलिया शुक्ला (Telia Shukla) नाम दिया  गया था. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसके लिए अधिसूचना जारी क थी.


इससे पहले इलाहाबाद का नाम भी बदलकर प्रयागराज किया जा चुका है.हालांकि समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों की ओर से बीजेपी पर यह आरोप लगाया जाता है कि वो पुराने नामों को बदलकर सिर्फ राजनीति कर रही है. वो बेरोजगारी, महंगाई जैसे मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है.