UP Love Jihad Case : डिप्टी सीएम के ट्वीट से लव जिहाद का मुद्दा गरमाया, लखनऊ कांड को लेकर ऐक्शन में सरकार
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UP Love Jihad Case : डिप्टी सीएम के ट्वीट से लव जिहाद का मुद्दा गरमाया, लखनऊ कांड को लेकर ऐक्शन में सरकार

UP Love Jihad Case : डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने हिन्दू लड़कियों से लव जिहाद की आड़ में धर्मांतरण को एक बड़ी साजिश करार दिया है. 

Keshav Prasad Maurya

यूपी की राजधानी लखनऊ में एक हफ्ते में दो घटनाओं के बाद लव जिहाद का मुद्दा फिर गरमा गया है. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी गुरुवार रात इस पर ट्वीट कर सख्त कार्रवाई की बात कही है . डिप्टी सीएम ने ट्वीट में कहा, 'लव जिहाद एक सुनियोजित साज़िश है. हिंदू लड़कियों की निर्मम हत्याएं हो रही हैं. जिहाद की आड़ में यह एक साजिश है.  अपराधियों के खिलाफ कठोर क़ानूनी कार्रवाई होगी'. यह मुद्दा आगामी लोकसभा उपचुनाव और विधानसभा उपचुनाव में उभर सकता है .

इसी कवायद में लखनऊ पुलिस ने निधि गुप्ता हत्याकांड मामले के फरार आरोपी सूफियान की सूचना देने पर 25 हजार का इनाम घोषित किया है.  लखनऊ DCP पश्चिम ने कहा कि सूचना देने वाले वाले को पुलिस ये इनाम देगी. सुफियान की तलाश में देर रात एक दर्जन से ज्यादा जगहों पर दबिश भी दी गई है. निधि गुप्ता के हत्यारोपी सूफियान को पुलिस अभी तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है. आरोपी की तलाश में पुलिस की 9 टीमें लगाई गई हैं.

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उल्लेखनीय है कि धर्मांतरण को लेकर यूपी सरकार और सीएम योगी का सख्त रुख रहा है. उत्तर प्रदेश में लव जिहाद से जुड़े कानून के तहत अब तक 291 मामले दर्ज हुए हैं. धर्मांतरण कानून को लेकर अब तक 507 से ज्यादा गिरफ्तारी हुई हैं.150 मामलों में पीड़ित कोर्ट के सामने जबरदस्ती धर्म बदलवाने की बात कही है. नाबालिगों के धर्मांतरण में अब तक 59 मामले दर्ज हुए हैं. बरेली जनपद में अब तक सबसे अधिक मामले दर्ज हुए हैं.

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उत्तर प्रदेश में दिव्यांग बच्चों का धर्मांतरण कराने वाले रैकेट का खुलासा भी हो चुका है. प्रदेश में  27 नवंबर 2020 से गैर कानूनी धार्मिक रूपांतरण निषेध कानून लागू है. यूपी में धर्मांतरण कानून के तहत दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को अपराध की गंभीरता के आधार पर 10 साल तक की जेल का प्रावधान है.कानून में जुर्माने की राशि 15 से 50 हजार तक है. अंतर धार्मिक विवाह करने वाले जोड़ों को शादी करने से दो महीने पहले जिला मजिस्ट्रेट को सूचित करना होता है.

जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर न्यूनतम 15 हजार रुपये के जुर्माने के साथ एक से पांच साल की कैद का प्रावधान है. एससी/एसटी समुदाय के नाबालिगों और महिलाओं के धर्मांतरण पर 3 से 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है. जबरन सामूहिक धर्मांतरण के लिए जेल की सजा 3 से 10 साल और जुर्माना 50 हजार रुपये तक है. कानून के मुताबिक, अगर विवाह का एकमात्र उद्देश्य महिला का धर्म परिवर्तन कराना है तो ऐसी शादियों को अवैध करार दिया जाएगा. 

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