UP Nagar Nigam Chunav 2022 : यूपी नगर निकाय चुनाव को लेकर मंगलवार को बीजेपी की बड़ी बैठक राजधानी लखनऊ में हुई. माना जा रहा है कि इसमें आगामी चुनाव को लेकर रणनीति तय करने पर चर्चा हुई. नगर निकाय के उम्मीदवारों के चयन के पैमानों को लेकर भी चर्चा होनी थी. यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी औऱ उपाध्यक्ष समेत इस बैठक में प्रदेश भाजपा के तमाम बड़े पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया.बीजेपी के सातों मोर्चों के शीर्ष पदाधिकारी भी इस बैठक में पहुंचे. यूपी बीजेपी की इस बैठक में निकाय चुनाव के अलावा MLC चुनाव पर भी चर्चा हुई. प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह और प्रदेश संगठन मंत्री धर्मपाल सिंह भी चर्चा में मौजूद थे.


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सत्ता में दोबारा आने के बाद बीजेपी का बड़ा इम्तेहान
दरअसल, नगर निकाय चुनाव को यूपी में बीजेपी के दोबारा सत्ता में आने के बाद पहला बड़ा इम्तेहान माना जा रहा है. ग्रामीण इलाकों में पहुंच बढ़ाने के साथ बीजेपी ने विधानसभा चुनावों के दौरान शहरी इलाकों में पकड़ कायम रखी थी.BJP कतई नहीं चाहेगी कि शहरी इलाकों के नगर निगमों, नगर पालिकाओं में उसका दबदबा कहीं से भी कम हो. पंचायत चुनावों में 85 फीसदी से ज्यादा सीटें जीतकर योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ी चुनावी सफलता हासिल की थी. 


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सांसदों के बेटे-बेटियों को टिकट नहीं
नगर निकाय चुनाव को लेकर बीजेपी पहले ही साफ संदेश दे चुकी है. बीजेपी नेतृत्व ने संकेत दिया है कि पार्टी विधायकों और सांसदों के बेटे-बेटियों और अन्य परिजनों को टिकट नहीं मिलेगा. अगर उनके परिवार का कोई सदस्य निर्दलीय भी चुनाव लड़ता है तो उन पर कार्यवाही की जाएगी. 


एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत लागू हो सकता है
एक व्यक्ति एक पद के नियम के अनुसार, ऐसे मंत्री जिनके पास कोई दूसरा दायित्व भी है, आज वह भी वापस लिया जा सकता है. दयाशंकर सिंह प्रदेश उपाध्यक्ष के साथ परिवहन मंत्री पद पर हैं. नरेंद्र कश्यप पिछड़ा वर्ग प्रदेश अध्यक्ष के साथ राज्यमंत्री हैं. बेबी रानी मौर्य राष्ट्रीय महामंत्री के साथ कैबिनेट मंत्री हैं. एके शर्मा प्रदेश उपाध्यक्ष के साथ ऊर्जा मंत्री के तौर पर सरकार में जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. जेपीएस राठौर प्रदेश महामंत्री के साथ स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्री हैं  इन 5 लोगों के पास मंत्री पद के अलावा अन्य पद भी है, नियमानुसार आज उनसे पद छोड़ने को कहा जा सकता है.


सपा-बसपा ने भी कसी कमर
बीजेपी के अलावा सपा,बसपा भी नगर निगम चुनावों को लेकर कमर कस रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक समेत बड़े नेता जिलों के दौरे पर हैं. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद सपा कार्यकर्ताओं का जोश बढ़ाने में जुटे हैं. बीएसपी ने तो चुनाव में पूर्व सांसदों, पूर्व विधायकों को मैदान में उतारने का संकेत देकर पूरी ताकत झोंकने की तैयारी कर ली है. 


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