लखनऊ: योगी सरकार माफिया-अपराधियों पर लगातार कार्रवाई कर रही है. सीएम योगी लगभग हर मंच से कह चुके हैं कि अपराधियों की दो ही जगह हैं, पहला है जेल, दूसरा वो, जहां कोई जाना नहीं चाहेगा. क्राइम के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति के चलते ही प्रदेश के दुर्दांत अपराधियों ने या तो यूपी छोड़ दिया है या फिर अपनी जमानत रद्​द कराकर जेल की सलाखों के पीछे जिंदगी काट कर रहे हैं. 


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इसके अलावा यूपी पुलिस 'ऑपरेशन पाताल लोक' यूपी में क्राइम कर दूसरे राज्यों में भागने वाले अपराधियों के खिलाफ भी कार्रवाई में जुट गया है. इसके तहत उनकी पहचान कर उनको अंजाम तक पहुंचाने में जुटी है. इसका एक और उदाहरण वाराणसी में देखने को मिला, जहां सोमवार अल सुबह पुलिस ने बिहार के दो दुर्दांत अपराधियों को आत्मरक्षा की जवाबी कार्रवाई में ढेर कर दिया. 


घटना के तेरहवें दिन शुरू हुआ अपराधियों की तेरहवीं का काउंटडाउन
डीजीपी डॉ. डीएस चौहान ने बताया कि  13 दिन पहले वाराणसी कमिश्नरेट में तैनात सब इंस्पेक्टर अजय यादव को उनके निजी प्लाट पर गोली मारने और उनकी सर्विस पिस्टल की लूट को अंजाम देने वाले दुर्दांत अपराधियों के लिए ऑपरेशन पाताल लोक चलाया गया. इसमें ह्यूमन इंटेलीजेंस और टेक्नीकल इंटेलीजेंस का उपयोग किया गया. 


घटना के तेरहवें दिन सोमवार को बड़ागांव थाना के भलेखा गांव के समीप रिंग रोड पर दुर्दांत अपराधियों के साथ पुलिस की मुठभेड़ हुई. इसमें दो बदमाश पुलिस की गोली से ढेर हो गए. वहीं उनका एक साथी पुलिस को चकमा देकर भाग गया. बदमाशों की गोली से क्राइम ब्रांच के सिपाही शिवबाबू घायल हो गए. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. इस प्रकार मुठभेड़ के साथ ही घटना के तेरहवें दिन मारे गए अपराधियों की तेरहवीं का काउंटडाउन शुरू हो गया. 


बिहार में कई बड़ी घटनाओं को दे चुके थे अंजाम 
वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने बताया कि पुलिस एनकाउंटर में मारे गए अपराधियों की शिनाख्त रजनीश उर्फ बऊआ सिंह और मनीष सिंह निवासी गोलवा मोहद्दीनगर जिला समस्तीपुर बिहार के रूप में हुई है, दोनों सगे भाई हैं. इनका तीसरा भाई लल्लन पुलिस मुठभेड़ के दौरान फरार हो गया है. पुलिस ने अपराधियों के पास से सब इंस्पेक्टर से लूटी गई 9 एमएम ब्राउनिंग व एक .32 बोर की पिस्टल को बरामद किया है.


बताया जा रहा है कि तीनों बदमाश बिहार में ज्यूडिशियल कस्टडी से भागे थे. ये दुर्दांत अपराधी बिहार में दो पुलिसकर्मियों की हत्या भी कर चुके हैं. साथ ही बिहार में तीन पुलिसकर्मियों के सरकारी असलहे लूट चुके थे. इतना ही नहीं दो बैंक डकैती के दौरान पांच आम नागरिकों को भी मार चुके थे. प्रदेश के डीजीपी ने एनकाउंटर करने वाली टीम को दो लाख रुपए ईनाम देने की घोषणा की है.


बिहार पुलिस के लिए कोढ़ बने आरोपियों का यूपी में हुआ इलाज
वाराणसी में आज पुलिस मुठभेड़ में मारे गए बिहार निवासी दोनों सगे भाई 11 साल से बिहार पुलिस के लिए कोढ़ बन गये थे. बिहार पुलिस के अनुसार, चारों भाई कम समय में बहुत पैसे वाला अमीर बनना चाहते थे. इसी वजह से उन्होंने जरायम जगत में कदम रखा था. बीते 11 साल से बिहार पुलिस के लिए चुनौती बने अपराधियों को उत्तर प्रदेश में ठिकाने लगा दिया गया है. साथ ही इनके आतंक का सिलसिला भी थम गया और बिहार का कोढ़ का यूपी पुलिस ने हमेशा के लिए इलाज कर दिया.


बीते 5 साल में 168 अपराधी मुठभेड़ में हुए ढेर
योगी सरकार में दुर्दांत इनामी अपराधियों पर यूपी पुलिस का ताबड़तोड़ एक्शन देखने को मिला है. यूपी पुलिस ने बीते पांच साल में कई  अपराधियों को मार गिराया गया है. पुलिस की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, 2017 से अब तक 168 अपराधी मुठभेड़ में मारे गए हैं, इनमें से अधिकांश पर 75 हजार से पांच लाख रुपये तक का बड़ा इनाम घोषित था.यूपी एडीजी के मुताबिक सबसे ज्यादा 64 अपराधी मेरठ जोन में मारे गए और गिरफ्तारियां भी सबसे अधिक (6,494) हुईं.