विशाल सिंह/लखनऊ: यूपी टीईटी परीक्षा लीक मामले (UPTET 2021 Paper Leak Case) में बड़ी खबर सामने आ रही है. मामले के तार सचिवालय से भी जुड़ते नजर आ रहे हैं. एसटीएफ (UP STF) सचिवालय में तैनात एक संविदा कर्मी की तलाश की जा रही है. संविदा कर्मी की गिरफ्तारी के लिए के गोमती नगर विस्तार के आवास पर दबिश भी दी है. इसके अलावा गिरफ्तार एक सदस्य के पास से सचिवालय के खाद्य एवं रसद विभाग का पहचान पत्र, पास व अन्य कागजात मिले हैं. 


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इसके अलावा एसटीएफ परीक्षा कराने वाली एजेंसी के कर्मचारियों के बारे में जानकारी जुटा रही है. ताकि पता चल सके कि कहीं इस कंपनी के किसी कर्मचारी का संपर्क पेपर लीक करने वाले गिरोह से तो नहीं है. बता दें कि अब तक मेरठ से तीन, वाराणसी और गोरखपुर से 2-2, प्रयागराज से 16, लखनऊ से 4 और कौशांबी से 1 आरोपी गिरफ्तार हुए हैं. इसके अलावा बिहार से भी कुछ लोग पकड़े गए हैं. 


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पेपर लीक कराने के लिए वाट्सऐप का किया इस्तेमाल 
बता दें कि नकल माफिया ने इस बार पेपर लीक कराने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म वाट्सऐप का प्रयोग किया. खास बात ये है कि ये पेपर कुछ चिन्हित लोगों को भेजा गया. जिस नंबर से पेपर भेजा गया वो बंद कर दिया गया है. जानकारी के मुताबिक, पेपर सेंड करने के लिए मोबाइल के बजाय कंप्यूटर में वाट्सऐप का इस्तेमाल किया गया ताकि सर्वर आसानी से डिकोड न हो सके. 


एसटीएफ को 'मास्टरजी' की तलाश 
एसटीएफ के मुताबिक, पेपर भेजने की शुरुआत सबसे पहले झांसी के रहने वाले ऋषि शर्मा ने की, जो अभी फरार है. इसके साथ ही यूपी एसटीएफ 'मास्टरजी' की तलाश कर रही है. दरअसल, पकड़े गए अभियुक्तों के मोबाइल मैसेज में मास्टरजी नाम के शब्द का प्रयोग हुआ है. मास्टरजी ने ही प्रश्नपत्र की कॉपी उपलब्ध कराई थी, जो एसटीएफ के हाथ लगी है. ऐसे में मास्टरजी सॉल्वर गिरोह का सबसे बड़ा मददगार माना जा रहा है. 


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अब तक हो चुकी 29 गिरफ्तारी 
UPTET पेपर लीक मामले में लखनऊ से चार लोगों को गिरफ्तार किया गया. इसमें झांसी निवासी अनुराग देश व चंदू वर्मा, अंबेडकरनगर निवासी फौजदार वर्मा, अयोध्या निवासी कौशलेंद्र प्रताप शामिल है. वहीं, कौशांबी से रोशन सिंह पटेल नाम के शख्स को गिरफ्तार किया गया है, उसके मोबाइल से हाथों से लिखा प्रश्न उत्तर मिला है. 


मेरठ से तीन लोग पकड़े गए
एसटीएफ की मेरठ ईकाई ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. शामली से मनीष, रवि और धर्मेंद्र को गिरफ्तार किया है. इनका अपना गैंग है. इस गैंग ने पांच लाख रुपये में पेपर खरीदे. इसके बाद 50 से 60 अभ्यर्थियों से 50-50 हजार रुपये लिये. अभ्यर्थियों को इस प्रश्नपत्र और उसके उत्तर को परीक्षा से पहले पढ़ाना और याद कराना था. इस गैंग के अन्य सदस्यों की शिनाख्त की जा रही है. 


केवल प्रयागराज से 16 लोग हुए अरेस्ट 
अयोध्या से संदीप वर्मा और रमेश गुप्ता दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. संदीप सुल्तानपुर का रहने वाला है और सॉल्वर है. वह उमानंद गुप्ता के स्थान पर गुरुनानक एकेडमी महिला पीजी कालेज में परीक्षा देने पहुंचा था. इसी कालेज के बाहर से रमेश को गिरफ्तार किया गया है. रमेश एक नकल माफिया गिरोह का सरगना है. वह मूल रूप से अंबेडकरनगर का रहने वाला है. वहीं, प्रयागराज से 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया. इनके पास से प्रश्नपत्र की फोटो कॉपी बरामद हुई है. इसमें सहायक अध्यापक भी शामिल हैं. इसके अलावा सॉल्वर और अभ्यर्थियों को भी गिरफ्तार किया गया है.


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