योगी कैबिनेट विस्तार को मायावती ने बताया जातिगत, बोलीं- मंत्री जब तक कुछ समझेंगे लागू हो जाएगी आचार संहिता
जातिगत आधार पर कैबिनेट विस्तार को लेकर मायावती ने कहा है कि भाजपा ने अभी तक इनके समाज के विकास और उत्थान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं, बल्कि इनके हितों में बीएसपी की रही है...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से पहले सभी पार्टियां एक दूसरे पर हमलावर हैं. बीते रविवार को बीजेपी ने कैबिनेट विस्तार कर 7 नए मंत्रियों को मंत्रिमंडल में शामिल किया. इसको लेकर सभी पार्टियों के रिएक्शन आ रहे हैं और वाद-विवाद का सिलसिला जारी है. इसी बीच मायावती ने भी भाजपा सरकार पर हमला करते हुए कैबिनेट एक्सपैंशन को लेकर ट्वीट किया है...
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मंत्रिमंडल विस्तार नहीं करना चाहिए था स्वीकार
मायावती का कहना है कि भाजपा ने जो यूपी में जातिगत आधार पर वोटों को साधने के लिए नया मंत्रिमंडल बनाया है, बेहतर होता कि वे लोग इसे स्वीकार ही न करते. क्योंकि जब तक ये नए मंत्री अपने-अपने मंत्रालय को समझकर कुछ करना चाहेंगे, तब तक यहां चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी.
अभी तक नहीं किया कोई भी ठोस काम
जातिगत आधार पर कैबिनेट विस्तार को लेकर मायावती ने कहा है कि भाजपा ने अभी तक इनके समाज के विकास और उत्थान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं, बल्कि इनके हितों में बीएसपी की रही है. वहीं मायावती का कहना है कि सरकार ने जो भी कार्य शुरू किये थे, उनमें से भी ज्यदातर काम बंद कर दिए गए हैं. इसी के साथ बसपा प्रमुख कहती हैं कि भाजपा के दोहरे चाल-चरित्र से इन वर्गों को सावधान रहने की सलाह देती हूं.
सपा विधायक ने भी किया था हमला
वहीं, संभल से सपा विधायक नवाब इकबाल महमूद ने भाजपा सरकार के कैबिनेट विस्तार को चुनावी हथकंडा बताया है और उनका दावा है कि दलित और अनुसूचित जाति वर्ग सपा के साथ है, न कि भाजपा के साथ. इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि यूपी के ठाकुर भी योगी आदित्यनाथ को वोट नहीं देंगे. वे भी सपा के ही समर्थन में आने वाले हैं.
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