UP PCS Exam 2021: यूपी पीसीएस प्री-2021 परीक्षा रद्द करने के आदेश के खिलाफ दाखिल अपील पर HC में हुई सुनवाई, फैसला सुरक्षित
UP PCS Exam 2021: हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने पूर्व सैनिकों को 5% रिजर्वेशन न देने के कारण प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम रद्द कर दिया था.साथ ही लोक सेवा आयोग से नए सिरे से परिणाम जारी करने का आदेश दिया था. इस आदेश के खिलाफ आयोग की तरफ से विशेष अपील दाखिल कर चुनौती दी गई. जिस पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रख लिया.
मो.गुफरान/प्रयागराज: इलाहाबाद हाइकोर्ट (Allahabad High Court) ने यूपी पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2021 (UP PCS 2021) को रद्द करने के खिलाफ दाखिल अपील पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. दरअसल, हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने पूर्व सैनिकों को पांच फीसदी आरक्षण न देने के कारण प्रारंभिक परीक्षा (Uttar Pradesh PCS Preliminary Exam 2021) का परिणाम कैंसिल कर दिया था. इसके साथ ही यूपीपीएससी को नए सिरे से परिणाम जारी करने का आदेश दिया था. जिसके खिलाफ UPPSC ने विशेष अपील दाखिल की थी. चीफ जस्टिस की डिविजन बेंच ने आज यानी मंगलवार को आयोग की विशेष अपील पर सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है.
UPPSC ने दिया ये तर्क
सुनवाई के दौरान लोकसेवा आयोग की तरफ से तर्क दिया गया कि पूर्व सैनिकों को आरक्षण देने से संबंधी अधिसूचना आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि के बाद जारी हुआ. ऐसे में आरक्षण का दावा नहीं किया जा सकता. याची की तरफ से कहा गया कि 10 मार्च को जारी हुई अधिसूचना कानून का संशोधन है, न की कोई नया कानून बनाया गया है. पुराना एक्ट यूपी लोक सेवा आयोग (शारीरिक रूप से विकलांग, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रित और भूतपूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण) 1993 है. 1999 में संशोधन के जरिए ग्रुप बी को आरक्षण की श्रेणी से बाहर कर दिया गया है. सरकार के इसी निर्णय को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी.
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अगले हफ्ते आ सकता है फैसला
हाई कोर्ट के आदेश के अनुपालन में सरकार ने 10 मार्च 2021 को पूर्व सैनिकों को क्षैतिज आरक्षण देने की व्यवस्था की. यह अधिसूचना जारी होने के दिन से ही लागू कर दी गयी. कहा गया कि हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद लोक सेवा आयोग इंटरव्यू कर रहा है, जो आदेश की अवहेलना है. कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मामले में फैसला सुरक्षित कर लिया है. माना जा रहा है कि अगले सप्ताह आयोग याचिका पर अपना फैसला सुना सकता है.
बता दें कि जिस समय परिणाम रद्द हुए उस समय परीक्षा कई चरणों को पार करके काफी आगे पहुंच चुकी थी. मेन्स परीक्षा (mains Exaxm) के बाद इंटरव्यू चल रहे थे. यानी परीक्षा प्रॉसेस अपने आखिरी चरण में था और साक्षात्कार (Interview) खत्म होते ही कुछ ही समय में नतीजे जारी होने बाकी थी.
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