UP Electricity Rate Hike : उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव के बीच विद्युत उपभोक्ताओं को सोमवार बड़ी खुशखबरी मिली है.दो घंटे चली बैटक में बिजली नियामक आयोग की बैठक में बिजली दरों को बढ़ाने पर मुहर नहीं लगी है.  यूपी की जनता के लिए ये बड़ी राहत माना जा रहा है. अब बिजली दरों में कमी को लेकर अंतिम फैसला नियामक आयोग के पाले में चला गया है. यूपी में बिजली दरों को कम करने पर अंतिम फैसला नियामक आयोग को लेना होगा.फिलहाल बिजली दरें न बढ़ाने से गर्मी के मौसम में जनता राहत महसूस करेगी. 



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उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार ने कहा कि ये राज्य के बिजली ग्राहकों के लिए बड़ी जीत है. उन्होंने कहा कि जो 7 से 13 फीसदी की बिजली दर बढ़ोतरी का प्रस्ताव है, वो उचित नहीं है. पहले ही विद्युत उपभोक्ताओं का काफी बकाया बिजली वितरण कंपनियों पर है. ऐसे में बिजली दरों में बढ़ोतरी की बात का कोई औचित्य नहीं है. हालांकि बिजली वितरण कंपनियां लगातार घाटे की बात कहकर इलेक्ट्रिसिटी रेट बढ़ाने की वकालत कर रही हैं. 


अवधेश कुमार ने कहा कि नोएडा पॉवर कॉरपोरेशन में जिस तरह 10 फीसदी बिजली बिल सरप्लस यानी करीब दो हजार करोड़ रुपये निकला है. यही फार्मूला पूरे उत्तर प्रदेश में लागू किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमने जिस तरह से अपना संवैधानिक पक्ष रखा, उससे बिजली दरों में बढ़ोतरी की गुंजाइश तो न के बराबर है, बल्कि इससे काफी कमी की जानी चाहिए. 


बिजली कंपनियां चाहती हैं कि बिजली रेट 18 से 23 फीसदी तक बढ़ाया जाए. उनका कहना है कि बिजली दरों में बढ़ोतरी न होने से उनका ढांचा चरमराता जा रहा है. कानपुर विद्युत वितरण निगम केस्को और अन्य वितरण कंपनियां चाहती हैं कि जल्द से जल्द बिजली दरों में इजाफा किया जाए. 


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