राम अनुज/देहरादून: आम तौर पर रोजी रोटी की तलाश में लोग दूसरे राज्यों का रुख करते थे. ताकि मेहनत मजदूरी कर  आसानी से अपना और अपने परिवार का पेट पाल सकें. ऐसे में मजदूर दिल्ली, मुंबई उत्तराखंड समेत विभिन्न राज्यों का रुख करते हैं. लेकिन अब सामान्य तौर पर ऐसा करना मुश्किल होगा. उत्तराखंड में रहने वाले किरायेदारों और मजदूरों को अपने मूल थाने की सत्यापन रिपोर्ट या चरित्र प्रमाण पत्र देना होगा.


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मजदूरों और किरायेदारों को देना होगा शपथ पत्र
दरअसल, बाहरी राज्यों से आये किराएदारों और मजदूरों को दस्तावेजों के सम्बन्ध में शपथपत्र और अपने मूल थाने की सत्यापन रिपोर्ट या चरित्र प्रमाण पत्र प्रस्तुत कराना होगा. बता दें कि बाहरी राज्यों से उत्तराखण्ड में कार्यरत या निवास कर रहे लोगों को अब सत्यापन कराना होगा. प्रारूप में सामान्य विवरण और उनके दस्तावेज की सत्यता के संबंध संबंध में एक शपथपत्र भी प्रस्तुत करना होगा.


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स्थानीय थाने में प्रस्तुत करनी होगी रिपोर्ट
आपको बता दें कि सम्बन्धित व्यक्ति द्वारा अपने साथ लाई गई, मूल स्थान की सत्यापन रिपोर्ट रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी. इस पूरे मामले में सबसे खास बात यह है कि ये सभी दस्तावेज- मकान मालिक, प्रबन्धक या सवामी के माध्यम से स्थानीय पुलिस थाने को प्रस्तुत करना होगा.


निर्देशों का न हुआ, अनुपालन तो होगी कार्रवाई
आपको बता दें कि देश के दूसरे राज्यों से उत्तराखण्ड में आकर कार्यरत एवं निवासरत व्यक्तियों का भौतिक सत्यापन होगा. इस सम्बन्ध में पूर्व में निर्गत एसओपी में संशोधन किया गया है. जिसके अनुसार उपरोक्त निर्धारित प्रक्रिया का उल्लंघन करने के विरूद्ध उत्तराखण्ड पुलिस अधिनियम 2007 की धारा 83 के अन्तर्गत विधिक कार्यवाही की जाएगी. 


गलत जानकारी देने पर, दर्ज होगा मुकदमा
इन सबके बीच थोड़ा डरने की भी जरूरत है. सत्यापन के सम्बन्ध में कूटरचित दस्तावेज या गलत शपथपत्र प्रस्तुत करने वाले व्यक्ति के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत कर विधिक कार्यवाही की जाएगी.


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इस मामले में पुलिस महानिदेशक ने दी जानकारी
आपको बता दें, उत्तराखण्ड पुलिस महानिदेशक अशोक ने बताया कि बाहरी राज्यों को भेजे गए कुछ सत्यापन प्रपत्रों पर थाने से सत्यापन रिपोर्ट प्राप्त नहीं हो रही है. जिससे पुलिस ने दस्तावेजों की पुष्टि नहीं है. इस संशोधन से सत्यापन प्रक्रिया सख्त बनेगी और संदिग्ध लोगों पर नजर रखकर कार्यवाही की जा सकेगी.


दरअसल, अपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए उत्तराखंड पुलिस ने एक बड़ा अभियान चलाने का प्लान तैयार किया है. अशोक कुमार का कहना है कि ऐसे मजदूर या किराएदार, जो दूसरे राज्यों से आकर उत्तराखंड में रहते हैं, उन्हें फिलहाल सत्यापन कराना होगा. अगर सत्यापन के दौरान उनके द्वारा दी गई जानकारी झूठी पाई जाती है, तो उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.


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