आखिर नैनीताल से हाईकोर्ट हल्द्वानी क्यों स्थानांतरित हुआ उत्तराखंड हाईकोर्ट, जानें समर्थकों और विरोधियों की दलीलें
Uttarakhand High Court : उत्तराखंड हाईकोर्ट अब नैनीताल से शिफ्ट होकर हल्द्वानी जाएगा. केंद्रीय कानून मंत्रालय ने इससे जुड़ी सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान कर दी है. लंबे समय से लोग उच्च न्यायालय शिफ्ट करने की मांग कर रहे थे.
देहरादून : उत्तराखंड उच्च न्यायालय (Uttarakhand High Court) अब नैनीताल से हल्द्वानी शिफ्ट कर दिया जाएगा. इससे जुड़ी सैद्धांतिक सहमति केंद्र सरकार ने दे दी है. इस संबंध में केन्द्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरन रिजिजु ने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जानकारी दी है. अपने पत्र में केन्द्रीय मंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा हल्द्वानी में उच्च न्यायलय के लिए आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध करा दिए जाने पर केन्द्र सरकार उत्तराखंड उच्च न्यायालय को नैनीताल से हल्द्वानी शिफ्ट करने की अधिसूचना की प्रक्रिया प्रारंभ कर देगी. इस मामले को लेकर वकीलों में खासा उत्साह और खुशी का माहौल है. हल्द्वानी में शनिवार को अधिवक्ताओं ने खुशी जताते एक दूसरे को मिठाई खिलाई. अधिवक्ताओं ने कहा कि हल्द्वानी में हाईकोर्ट की शिफ्टिंग होने से उन्हें काम करने का बेहतर और ज्यादा अवसर प्राप्त होगा. इससे वाद कारियों को आने-जाने में ज्यादा सहूलियत मिल सकेगी.
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केंद्रीय मंत्री ने लिखा पत्र
केंद्रीय मंत्री ने इससे जुड़ी जानकारी राज्यपाल ले.ज. गुरमीत सिंह (सेनि.) और मुख्य न्यायायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघवी को भी पत्र के जरिए दे दी है. माना जा रहा है कि केंद्र की ओर से मंजूरी के बाद हाईकोर्ट शिफ्टिंग में तेजी आने की उम्मीद है. स्थानीय लोग काफी समय से हाईकोर्ट शिफ्ट करने की मांग कर रहे थे. पत्र में केंद्रीय मंत्री ने राज्य सरकार के प्रस्ताव का भी जिक्र किया है. पत्र में कहा गया है कि राज्य सरकार हाईकोर्ट को संचालित करने के लिए हल्द्वानी में बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने और पूरा खर्च उठाने करने के लिए उत्तरदायी होगी.
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कहीं समर्थन कहीं विरोध
हल्द्वानी बार एसोसिएशन लगातार हाईकोर्ट शिफ्ट किए जाने की मांग करता रहा है. हालांकि हाईकोर्ट स्थानांतरण को लेकर नैनीताल के वकीलों का एक तबका विरोध भी कर रहा था.
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