वाराणसी: आपने पुलिस को चोरों और बदमाशों की तलाश करते तो खूब देखा होगा लेकिन क्या कभी भिखारियों को ढूंढते देखा है. अपने घाटों और तमाम चीजों के लिए प्रसिद्ध उत्तर प्रदेश के बनारस शहर से एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है. यहां पुलिस लगातार भिखारियों की तलाश में दबिश दे रही है. पुलिस हर गली मुहल्ले में घूम-घूमकर भिखारियों को निकालने में जुटी है. इससे कई भिखारी अपना बोरिया बिस्तरा बांध कर भागते नजर आ रहे है. वहीं, पुलिस की यह अनोखी कार्रवाई आस पास के जिलों में चर्चा की विषय बनी हुई है. आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला.


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घाटों से लेकर मंदिर तक ढूंढे जा रहे भिखारी
दरअसल, भिखारियों की खोजबीन करने का यह मामाल जी 20 सम्मेलन से जुड़ा है. जी 20 को लेकर धर्म नगरी वाराणसी को साफ सुथरा बनाने की कवायद शुरू हो चुकी है. इसी के तहत बनारस के घाटों से लेकर तीर्थस्थलों तक से भीख मांगने वालों को हटाया जा रहा है. बीते सोमवार से पुलिस की कई टीमें इस अभियान में लगी हुई हैं. नगर निगम के कर्मचारियों को भी इस काम में लगाया गया है, दोनों साथ मिलकर शहर की सड़कों पर भिखारियों को ढूंढते दिखाई दे रहे हैं. इस अभियान के दौरान कई भिखारी पुलिस से बचते नजर आ रहे हैं तो कईयों को पुलिस पकड़ भी चुकी है.


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जिला प्रशासन ने बनाई पुनर्वास की योजना
बताया जा रहा है बीते कुछ समय काशी में भिखारियों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. बाबा विश्वनाथ धाम के आस-पास भी भारी मात्रा में भिखारियों का जमावड़ा देखने को मिल रहा है. ऐसे में जी 20 सम्मेलन के मद्देनजर भिखारियों को शिफ्ट किया जा रहा है. जिला प्रशासन ने भिखारियों के पुनर्वास की योजना बनाई है. कई भिखारियों को पकड़ कर पुनर्स्थापित किया गया है और यह अभियान अभी भी निरंतर जारी है. काशी विश्वनाथ आने वाले श्रद्धालुओं से भी मंदिर प्रशासन को भिखारियों के संबंध में शिकायते मिल रहीं थी. कई समाजसेवी संस्थाएं भी लंबे समय से इस काम से जुड़ी हुई हैं.


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