Vice President Election 2022: चुनाव में साथ देने पर दल, कितने दूर कितने पास?
Vice President Election 2022: सभी की निगाहें उपराष्ट्रपति चुनाव पर टिकी हैं, जो 6 अगस्त को होना है. वहीं, राष्ट्रपति चुनाव खत्म होने के बाद बड़ी कन्फ्यूजन वाली स्थिति पैदा हो गई है, कई दलों को यह समझ में नहीं आ रहा है कि उसके सहयोगी साथ हैं भी या नहीं. शायद इसीलिए वे अब तक पत्ते भी नहीं खोल सके हैं. आइए आपको बताते हैं कि कौन सा दल किसके समर्थन में खड़ा है और कौन कंफ्यूज है...
Vice President Election 2022: देश के प्रथम नागरिक यानी राष्ट्रपति का चुनाव संपन्न हो चुका है. द्रौपदी मुर्मू के रूप में देश को 15वीं राष्ट्रपति मिल चुकी हैं. ऐसे में अब सभी की निगाहें उपराष्ट्रपति चुनाव पर टिकी हैं, जो 6 अगस्त को होना है. वहीं, राष्ट्रपति चुनाव खत्म होने के बाद बड़ी कन्फ्यूजन वाली स्थिति पैदा हो गई है, कई दलों को यह समझ में नहीं आ रहा है कि उसके सहयोगी साथ हैं भी या नहीं. शायद इसीलिए वे अब तक पत्ते भी नहीं खोल सके हैं. वहीं, आज पीएम मोदी के लिए पिले रंग के फूलों का गुलदस्ता लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुलाकात की है. इस मीटिंग को उपराष्ट्रपति चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है.
कई सियासी दलों का विपक्ष के उम्मीदवार को खुला समर्थन
आइए आपको बताते हैं कि कौन सा दल किसके समर्थन में खड़ा है और कौन कंफ्यूज है. उपराष्ट्रपति चुनाव के चुनावी संग्राम में एनडीए की तरफ से बंगाल के राज्यपाल रहे जगदीप धनखड़ हैं. वहीं, विपक्ष के उम्मीदवार के तौर पर मार्गरेट अल्वा के बीच सीधी टक्कर होनी है. देश के कई सियासी दलों ने तो विपक्ष के उम्मीदवार को खुला समर्थन किया है. वहीं, कुछ दलों में अभी भी सन्नाटा पसरा हुआ है.
आप का विपक्ष की उपराष्ट्रपति उम्मीदवार को समर्थन
आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी ने उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को समर्थन दिया है. अभी हाल ही में पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी (PAC) की बैठक में निर्णय लिया गया है. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में ये मीटिंग हुई. राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने बताया कि आप उपराष्ट्रपति के चुनाव में विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा का समर्थन करेंगे.
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झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी किया ये ऐलान
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने भी उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को समर्थन देने का ऐलान किया. पार्टी की केंद्रीय समिति ने विमर्श के बाद फैसला लिया कि उपराष्ट्रपति चुनाव में अल्वा के पक्ष में मतदान किया जाएगा. आपको बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव में जेएमएम ने एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के समर्थन किया था. वहीं, उपराष्ट्रपति चुनाव में जेएमएम ने पाला बदल दिया है. इस बाबत उन्होंने बाकायदा पत्र भी जारी किया है. वजह जो भी हो, चर्चाएं हैं कि जेएमएम का नया स्टैंड ईडी के एक्शन से प्रभावित है.
टीएमसी ने उपराष्ट्रपति चुनाव से किया किनारा
वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति दोनों चुनाव से किनारा कर लिया है. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दोनों चुनाव के समर्थन के बाबत कोई ऐलान नहीं किया है. वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है. सीएम ममता और मोदी के बीच यह हाई लेवल मीटिंग पीएम हाउस में हुई. इस मीटिंग को उपराष्ट्रपति चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है, हालांकि कल क्या होगा यह देखना भी दिलचस्प होगा.
अल्वा को लेकर टीएमसी का कहना
टीएमसी का कहना है कि विपक्ष ने टीएमसी की सलाह के किए बगैर अल्वा को उम्मीदवार बनाया, जिसको लेकर टीएमसी ने चुनाव से किनारा कर लिया है. वहीं, उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा ने टीएमसी के फैसले को निराशाजनक बताया है. उन्होंने कहा- ये समय ईगो या फिर क्रोध का नहीं है. बता दें कि बंगाल का राज्यपाल रहते हुए जगदीप धनखड़ से ममता बनर्जी की तल्ख़ियां जग जाहिर है. फिर भी उनका विपक्ष के प्रत्याशी को समर्थन न करना अपने आप में बड़े सवाल खड़े करता है.
शिवसेना ने उपराष्ट्रपति के चुनाव में गठबंधन धर्म निभाया
शिवसेना में कुछ दिनों पहले हुई टूट जग जाहिर है. राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव में शिवसेना के दो अलग-अलग स्टैंड हैं. शिवसेना ने राष्ट्रपति चुनाव के समय एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu NDA) को समर्थन किया. वहीं, उपराष्ट्रपति चुनाव में शिवसेना यूपीए उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा (Margret Alva UPA) का समर्थन कर रही है. चर्चा है कि उपराष्ट्रपति के चुनाव (Vice President Election) के लिए यूपीए उम्मीदवार को समर्थन देकर गठबंधन धर्म निभाया.
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सीएम के. चंद्रशेखर राव आए मार्गरेट अल्वा के समर्थन में
टीआरएस प्रमुख के. चंद्रशेखर राव ने भी बीते दिनों सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की थी. फिलहाल, टीआरएस का स्टैंड बिल्कुल क्लियर है. केसीआर ने उपराष्ट्रपति चुनाव में यूपीए उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा के समर्थन का ऐलान किया है.
बसपा ने किया एनडीए प्रत्याशी के समर्थन का ऐलान
उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर बसपा का स्टैंड क्लियर है. बहुजन समाजवादी पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने एनडीए के प्रत्याशी जगदीप धनखड़ के समर्थन का ऐलान किया है.
सपा की ये है स्थिति
राष्ट्रपति चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी वेट एंड वॉच की स्थिति में है. फिलहाल, सपा ने उपराष्ट्रपति चुनाव में सत्ता पक्ष या विपक्ष के उम्मीदवार के समर्थन को लेकर, अब तक कोई अधिकारी का ऐलान तक नहीं किया है. इसकी बड़ी वजह राष्ट्रपति चुनाव माना जा रही है. क्योंकि सपा के कई विधायकों ने राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग भी की थी.
संसद में इतनी है सदस्यों की संख्या
देश के उपराष्ट्रपति को चुनने के लिए निर्वाचक मंडल में संसद के दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य शामिल होते हैं. संसद में सदस्यों की मौजूदा संख्या 780 है, जिनमें से केवल भाजपा के 394 सांसद हैं. जीत के लिए 390 से अधिक मतों की जरूरत होती है.
ये है उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव पद्धति
उप राष्ट्रपति चुनाव में दोनों सदनों के 790 सदस्य हिस्सा लेते हैं. राज्यसभा में कुल सांसदों की संख्या 245 है, जिनमें चुने हुए सदस्य 233 और मनोनीत सदस्यों की संख्या 12 है. उसी तरह निचले सदन यानी लोकसभा में कुल 545 सदस्य हैं. इनमें चुने हुए सदस्य 543 और मनोनीत सदस्यों की संख्या 2 है. उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव इलेक्शन अनुपातिक प्रतिनिधि पद्धति के आधार पर किया जाता है.
10 अगस्त को हो रहा उपराष्ट्रपति का कार्यकाल खत्म
आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने 5 जुलाई को उप राष्ट्रपति के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी की थी. जिसके तहत नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 19 जुलाई थी. वहीं, 6 अगस्त को मतदान निर्धारित है. मतदान के बाद देश को अगला उपराष्ट्रपति मिल जाएगा, क्योंकि 10 अगस्त को उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू का कार्यकाल खत्म हो रहा है.
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