UKSSSC Paper Leak: पुख्ता साक्ष्यों और बयानों के आधार पर कनिष्ठ सहायक हिमांशु कांडपाल को गिरफ्तार किया गया है. दरअसल, दिसम्बर 2021 में आयोजित स्नातक स्तर की परीक्षा में पेपर लीक हुआ था. इस मामले में देहरादून के रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था.
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राम अनुज/देहरादून: उत्तराखंड में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में साल 2021 में आयोजित स्नातक स्तर की परीक्षा में पेपर लीक (Paper Leak) हुआ था. पेपर लीक मामले में एसटीएफ (STF) ने मास्टर माइंड को गिरफ्तार कर लिया था. अब इस मामले में एसटीएफ ने एक और गिरफ्तारी की है. नैनीताल कोर्ट के गणित के सहायक हिमांशु कांडपाल को एसटीएफ में पेपर लीक के मामले में गिरफ्तार किया है. अब तक इस तरह की कुल 13 गिरफ्तारी हो चुकी हैं.
पुख्ता साक्ष्यों के आधार पर हुआ एक्शन
आपको बता दें कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने पुख्ता साक्ष्यों के आधार पर यह एक्शन लिया है. बता दें कि पुख्ता साक्ष्यों और बयानों के आधार पर कनिष्ठ सहायक हिमांशु कांडपाल को गिरफ्तार किया गया है. यह गिरफ्तारी रामनगर न्यायालय जिला नैनीताल से की गई. दरअसल, दिसम्बर 2021 में आयोजित स्नातक स्तर की परीक्षा में पेपर लीक हुआ था. इस मामले में देहरादून के रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था.
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अल्मोड़ा का रहने वाला है कांडपाल
जानकारी के मुताबिक आरोपी हिमांशु कांडपाल के पिता का नाम प्रयागदत्त कांडपाल है. अभी आरोपी की उम्र करीब 25 साल है. पूछताछ में उसने बताया कि वह ग्राम कांडागूट पोस्ट ऑफिस दौलीगार ब्लॉक धौलादेवी जिला अल्मोड़ा का रहने वाला है.
गहन पूछताछ के बाद मिले पुख्ता सबूत
वहीं, कनिष्ठ सहायक को एसीजेएम कोर्ट रामनगर में सोमवार शाम गहन पूछताछ के बाद पुख्ता साक्ष्य के आधार पर एसटीएफ कार्यालय में गिरफ्तार किया गया है. आरोपी द्वारा अपने सगे जीजा मनोज जोशी(पीआरडी) के माध्यम से अन्य अभियुक्त महेंद्र चौहान एवं दीपक शर्मा के साथ मिलकर परीक्षार्थियों को प्रश्न पत्र लीक कर एग्जाम क्लियर कराया गया था.
उत्तराखंड एसटीएफ मास्टर माइंड को कर चुकी गिरफ्तार
आपको बता दें कि एसटीएफ ने इससे पहले अभिषेक वर्मा को गिरफ्तार किया था. कड़ाई से पूछताछ के बाद उसने पेपर लीक के कई राज उगले. अभिषेक आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन कंपनी में पेपर सेट बनाकर उसे सील करने का काम करता था. पेपर सील करने के दौरान उसने उक्त परीक्षा की तीनों पालियों के पेपरों की एक-एक प्रतियां निकाल ली. स्कैन कर उसने मोबाईल एप्प टेलीग्राम से संबंधित को भेजा दिया. फिलहाल, एसटीएफ डिजिटल साक्ष्य जुटा रही है.
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