श्याम जी तिवारी/कानपुर: कानपुर बिकरू कांड (Kanpur Bikru Kand) के मुख्य आरोपी विकास दुबे (Vikas Dubey) की 50 करोड़ की संपत्तियों के जब्तीकरण की कार्रवाई चल रही है. इसी बीच कुछ समय पहले चौबेपुर पुलिस (Chaubepur Police) ने जब्त की स्कार्पियो (Vikas Dubey's Scorpio) के मूल्यांकन में खेल कर दिया. 18 लाख की कार की कीमत महज 65 हजार रुपये आंकी गई है. वहीं, जब मामला एसपी आउटर के संज्ञान में आया तो चौबेपुर पुलिस के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है. इसके अलावा आरटीओ कार्यालय के कर्मचारी भी जांच की जद में हैं. 


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30 जून को बरामद हुई थी कार 
बीती 30 जून 2022 को चौबेपुर थानाक्षेत्र के सहज्योरा गांव में संजीव बाजपेई के खाली प्लाट से विकास दुबे के नाम पर रजिस्टर्ड एक स्कार्पियो बरामद हुई थी. जिसका नंबर यूपी-78 डीडी 2220 था. गाड़ी को गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे की संपत्ति में शामिल करना था. पुलिस ने संभागीय परिवहन विभाग से उसका मूल्यांकन कराया. जिसपर 18 लाख की गाड़ी की कीमत सिर्फ 65 हजार रुपये आंकी गई थी. कार्रवाई के लिए फाइल एसपी आउटर तेज स्वरूप सिंह के पास पहुंची. नौ साल पुरानी गाड़ी की कीमत महज 65 हजार रुपये देखकर एसपी भी चौंक गए. 


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एडिशनल एसपी को सौंपी जांच 
एसपी आउटर तेज स्वरूप सिंह ने थाना प्रभारी चौबेपुर कृष्ण मोहन राय के खिलाफ जांच शुरू करा दी है. उन्होंने मामले की जांच एडिशनल एसपी आदित्य कुमार शुक्ला को सौंपी है. वहीं पूरे मामले में एसपी आउटर ने बताया कि थाना पुलिस के साथ संभागीय परिवहन विभाग के कर्मी भी जांच के घेरे में हैं. एडिशनल एसपी की रिपोर्ट के आधार पर जो भी जांच में दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. 


क्या है बिकरू कांड? 
आपको बता दें कि चौबेपुर के गांव बिकरू में 2 जुलाई 2020 को विकास दुबे के घर दबिश डालने गई पुलिस टीम पर उसके गुर्गों ने हमला कर दिया था. जिसमें बिल्हौर के तत्कालीन सीओ सहित आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. बाद में पुलिस टीम ने विकास दुबे समेत उसके छह साथियों को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था. जांच में चौबेपुर के तत्कालीन थानाध्यक्ष विनय कुमार तिवारी और हलका इंचार्ज केके शर्मा को विकास दुबे का मददगार पाया गया था. उनपर आरोप है कि पुलिस की दबिश की जानकारी विकास दुबे को पहले से दे दी थी. प्रकरण में दोषी पाये जाने पर दोनों पुलिस कर्मियों की बर्खास्त कर दिया गया था. 


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