68th National Film Awards: बिजनौर का यह लड़का बॉलीवुड में मचा रहा धमाल, लगा चुका है अवार्ड्स की झड़ी
Vishal Bhardwaj Biography In Hindi: विशाल भारद्वाज अपने करियर के शुरुआती दौर में पेन म्यूजिक रिकॉर्डिंग कंपनी में नौकरी की, तभी दिल्ली में उनकी मुलाकात गुलजार साहब से हुई.....
Vishal Bhardwaj News: उत्तर प्रदेश के एक छोटे से जिले से निकलकर बॉलीवुड में धमाल चुके विशाल भारद्वाज को नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स 2022 में बेस्ट म्यूजिक डायरेक्शन का अवॉर्ड मिला है. विशाल भारद्वाज को '1232 किलोमीटर मारने तो वहीं जाकर' के लिए यह अवॉर्ड मिला है.राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने के बाद उन्होंने कहा कि वह उस फिल्म के लिए पुरस्कार पाकर बहुत खुश हैं, जो उस दर्द बता रही है, जो पूरे देश और विशेष रूप से प्रवासी मजदूरों को कोविड -19 महामारी में सहना पड़ा. यह गाना वास्तव में एक कविता थी जिसे गुलजार साहब ने प्रवासियों की मदद के लिए कुछ नहीं कर पाने की घुटन भरी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए लिखा था.
स्टेट लेवल पर क्रिकेट खेल चुके हैं विशाल भारद्वाज
विशाल भारद्वाज का जन्म उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के शिकारपुर गांव में 4 अगस्त 1965 को हुआ. उनके पिता राम भारद्वाज शुगरकेन इंसपेक्टर थे. वह शौख से हिंदी फिल्मों के गाने लिखा करते थे. पिता की इच्छा को पूरा करने के लिए विशाल संगीत सीखे. दिल्ली जाने के बाद उनकी संगीत में दिलचस्पी बढ़ गई. विशाल भारद्वाज के करीबी बताते हैं कि वह कलाकार के साथ-साथ बेहतरीन क्रिकेटर भी हैं. विशाल स्टेट लेवल के टूर्नामेंट भी खेल चुके हैं.
पेन म्यूजिक रिकॉर्डिंग से की करियर की शुरूआत
विशाल भारद्वाज अपने करियर के शुरुआती दौर में पेन म्यूजिक रिकॉर्डिंग कंपनी में नौकरी की, तभी दिल्ली में उनकी मुलाकात गुलजार साहब से हुई. गुलजार के साथ उन्होने 'चड्डी पहन के फूल खिला है' गाने की रिकॉर्डिंग की. उसके बाद उन्हे फिल्म माचिस के लिए संगीत बनाने का मौका मिला.विशाल भारद्वाज ने 'मकड़ी' (2002), 'ओमकारा' (2006), 'कमीने' (2009), 'हैदर'(2014) और 'रंगून'(2017) जैसी फिल्मों को डायरेक्ट किया है. वे कई फिल्मों में बतौर प्रोड्यूसर और म्यूजिक डायरेक्टर भी काम कर चुके हैं.
इन फिल्मों के लिए मिल चुका है अवॉर्ड्स
उन्हें 'गॉड मदर' (1999), 'इश्किया'(2010) और 'हैदर'(2014) के लिए बेस्ट म्यूजि डायरेक्टर, 'द ब्लू अम्ब्रेला' (2005) के लिए बेस्ट चिल्ड्रेन फिल्म, 'ओमकारा'(2006) के लिए स्पेशल जूरी, 'हैदर' (2014) और 'तलवार'(2015) के लिए बेस्ट स्क्रीनप्ले का नेशनल अवॉर्ड मिल चुका है.
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