President Election: देश के राष्ट्रपति होते हैं सर्वोच्च नागरिक, तो उन्हें कौन दिलाता है शपथ? जानें यहां
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President Election: देश के राष्ट्रपति होते हैं सर्वोच्च नागरिक, तो उन्हें कौन दिलाता है शपथ? जानें यहां

Who Gives Oath To President of India: भारत के राष्ट्रपति का पद देश का सबसे ऊंचा पद है. ऐसे में देश के सर्वोच्च नागरिक को कौन शपथ दिलाता है? अगर आपके मन में भी यह सवाल उठ रहा है तो जरूर पढ़ें यह खबर-

President Election: देश के राष्ट्रपति होते हैं सर्वोच्च नागरिक, तो उन्हें कौन दिलाता है शपथ? जानें यहां

Who gives Oath to President of India: आज 21 जुलाई को भारत को अपना 15वां राष्ट्रपति मिल रहा है. महामहिम रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को पूरा होने जा रहा है. इसी के साथ देश के राष्ट्रपति पद का उत्तराधिकारी आज मिल जाएगा. 25 जुलाई को एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू या विपक्ष उम्मीदवार यशवंत सिन्हा में से कोई एक प्रेसिडेंट पद की शपथ लेगा. अब यह सवाल जरूर सामने आ रहा होगी कि देश के सबसे ऊंचे पद पर बैठने वाले व्यक्ति को शपथ कौन दिलाता है? इसका जवाब हम आज अपनी खबर में आपको देंगे. साथ ही यह भी बताएंगे कि भारत के राष्ट्रपति अगर इस्तीफा देना चाहें, तो किसे दे सकते हैं.

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बैलेट पेपर पर ही होता है चुनाव
राष्ट्रपति चुनाव एक इलेक्टोरल कॉलेज करता है. देश में इस चुनाव को लेकर एक स्पेशल तरीके से वोटिंग होती है, जिसे सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम कहा जाता है. इसका मतलब है कि एक वोटर एक ही वोट कर सकता है. हालांकि, इसमें कई उम्मीदवार होने पर प्राथमिकता के आधार पर वोट दिया जाता है. यानी बैलेट पेपर पर यह बताना होता है कि उसकी पहली, दूसरी और तीसरी पसंद कौन है.

Chief Justice of India दिलातें हैं President पद की शपथ
आपको जानाकारी के लिए बता दें कि उम्मीदवार का चुनाव हो जाने पर नवनियुक्त प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ही शपथ दिलाते हैं. अगर CJI की उपस्थिति नहीं है तो सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जस्टिस द्वारा ही शपथ दिलाई जाती है. बता दें, कॉन्स्टीट्यूशन ऑफ इंडिया के आर्टिकल-60 में President Oath को लेकर स्पष्ट रूप से लिखा गया है. इसमें बताया गया है कि राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 साल का ही होता है और इस पद पर नियुक्ति निर्वाचक मंडल करता है.

राष्ट्रपति किसको देते हैं इस्तीफा?
मालूम हो कि अगर प्रेसिडेंट पद से इस्तीफा देने की बात आती है, तो इस दौरान उपराष्ट्रपति यानी Vice President का रोल सबसे महत्वपूर्ण हो जाता है. ऐसे में राष्ट्रपति अपना त्यागपत्र उपराष्ट्रपति को दे सकते हैं. वहीं, 6 महीने के अंदर इस पद को भरना जरूरी है. 

हर साल 25 जुलाई को ही क्यों ली जाती है शपथ?
इस बात को लेकर संविधान में कोई जानकारी नहीं है. हालांकि, साल 1977 में नीलम संजीव रेड्डी निर्विरोध राष्ट्रपति चुने गए थे और उन्होंने 25 जुलाई 1977 को शपथ ली थी. उसके बाद से ही यह परंपरा बनी और हर नवनियुक्त राष्ट्रपति 25 जुलाई को ही शपथ लेने लगे.

अगर राष्ट्रपति की मृत्यु हुई तो कौन संभालेगा पद?
प्रेसिडेंट की मृत्यु पर या किसी और वजह से अगर पद खाली हो जाता है तो तुरंत ही सारा कार्यभार उपराष्ट्रपति संभाल लेते हैं. हालांकि, वाइस प्रेसिडेंट को इससे पहले राष्ट्रपति पद की शपथ लेनी होती है. यह शपथ फिर सीजेआई दिलाते हैं. इसी के साथ उपराष्ट्रपति के रिक्त पद की जिम्मेदारी चीफ जस्टिस के पास चली जाती है. सीजेआई का भी पद रिक्त हो तो जिम्मा सुप्रीम कोर्ट के सीनियर मोस्ट जज को मिलता है.

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