World Suicide Prevention Day 2022: 'अरे....कल ही तो देखे थे यार उसको, एक दम ठीक ठाक था..अचानक...' आत्महत्या की खबरों को सुनने के बाद यही जवाब आते हैं. एक हंसता-खिलखिलाता चेहरा हमेशा के लिए आंखों के सामने से हमेशा के लिए ओझल हो जाता है. मन नहीं मानता कि उसने खुदकुशी की होगी लेकिन यह सच होता है. शायद हम उस हंसी के पीछे छिपी हताशा, परेशानियों को समझ नहीं पाते हैं. आत्महत्या को रोकने और लोगों को जागरूक करने के लिए ही हर साल 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस  (World Suicide Prevention Day) मनाया जाता है. जिसका संदेश है कि 'आत्महत्या समस्याओं का समाधान नहीं है' 


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क्या कहते हैं आंकड़े?
हाल के समय में आत्महत्या के मामलों में खासी बढ़ोतरी देखने को मिली है. मानसिक स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और अनदेखी इस तरह के मामलों में इजाफा करते हैं. आंकड़ों पर नजर डालें तो एक भारत में मौत के दस प्रमुख कारणों में एक आत्महत्या भी है. एनसीआरबी के मुताबिक पिछले 10 वर्षों में 17.3 प्रतिशत की बढोतरी हुई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, देश में एक लाख की जनसंख्या पर केवल 0.3 प्रतिशत साइकेट्रिस्ट और 0.047 प्रतिशत साइकोलॉजिस्ट हैं. भारत में साल 2021 में 1.64 लाख आत्महत्या के मामले सामने आए. इनमें करीब 1 लाख 19 हजार पुरुष, 45 हजार महिलाएं और 28 ट्रांसजेंडर की मौत हुईं. 


जहां मानसिक रोगियों को ज्यादा ख्याल, इलाज के साथ सहानुभूति रखने की जरूरत होती है लेकिन होता ठीक इसके उलट है. जो समस्या को कम करने की जगह उसे बढ़ा सकता है. मानसिक समस्या की वजह से सुसाइड करने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है, इसमें भी डिप्रेशन बड़ी वजह है. लेकिन सही इलाज और काउंसलिंग इसको रोकने में मददगार बन सकती है. 


कैसे पहचानें लक्षण और क्या करें
रिपोर्ट्स के मुताबिक मानसिक सेहत को कुपोषण, निष्क्रिय जीवनशैली, तनाव, अनिद्रा, अकेलापन नुकसान पहुंचाता है.  नींद आने में दिक्कत, एकाग्रता में कमी, भूख घटना या बढ़ना, वजन में बदलाव, अरुचि होना, रोज के काम पूरा करने में दिक्कत, सुबह बिस्तर छोड़ने का मन न करे, खुद को मारने का विचार आए. अगर यह लक्षण 2 सप्ताह से ज्यादा चल रहे हैं तो किसी अच्छे विशेषज्ञ, दोस्त-रिश्तेदार से बातचीत करें. डॉक्टरों द्वारा सुझाई गई दवाओं को टाइम पर लें. 


परिजनों में आत्महत्या की चेतावनी के 6 संकेत


साइकोलोजिस्ट मालिनी सबा, फाउंडर एवं चेयरमैन ‘’अनानके फाउंडेशन’’ बताती हैं - 
1- अगर आपके कोई करीबी ज्यादा लम्बे समय से उदास नज़र आ रहे हैं, या किसी अत्यंत सोच में दिख रहे हैं और उन्हें काफी ज्यादा मूड स्विंग होते हैं, ये आत्महत्या का प्रमुख संकेत है. 


2- अक्सर आत्महत्या पर विचार करने वाला व्यक्ति अपनी निजी ज़िन्दगी पर ज्यादा ध्यान देना शुरू कर देता है. इसमें दोस्तों और परिवार के सदस्यों से मिलना , अपनी संपत्ति देना ,गिफ़्ट देना , वसीयत बनाना ,अपने कमरे या घर की सफाई करना शामिल हो सकता है. 


3- व्यक्ति का रवैया या व्यवहार बदल जाता है, जैसे असामान्य गति या धीमी गति से बोलना या चलना. साथ ही, वे अचानक अपनी व्यक्तिगत उपस्थिति के बारे में कम चिंतित हो जाते हैं और सामान्य से बहुत अधिक या बहुत कम सोते हैं. 


4- व्यक्ति संभावित रूप से खतरनाक व्यवहार में शामिल होता है जैसे लापरवाही से गाड़ी चलाना, असुरक्षित यौन संबंध बनाना या ड्रग्स और शराब का उपयोग बढ़ाना 


5- भविष्य के बारे में निराशा की गहरी भावना महसूस करना जीने का कोई कारण न होने,  दूसरों के लिए बोझ होने, फंसा हुआ महसूस करने या गंभीर भावनात्मक दर्द में होने की बात करता है. इस उम्मीद के साथ कि उनकी परिस्थितियों में कभी भी सुधार नहीं हो सकता है. 


6- जीवन का कोई बड़ा संकट आत्महत्या के प्रयास को गति प्रदान कर सकता है. संकटों में किसी प्रियजन या पालतू जानवर की मृत्यु, रिश्ते का अंत, कोई बड़ी बीमारी, नौकरी छूटना ,या गंभीर वित्तीय समस्याएं शामिल हैं. 


हर साल 10 सितंबर को मनाया जाता है विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस
2003 में इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर सुसाइड प्रिवेंशन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ मिलकर विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस की शुरुआत की. जिसे हर साल 10 सितंबर को मनाया जाता है. जिसके जरिए सुसाइड को लेकर जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया जाता है. साथ ही खुदकुशी के मामलों को रोकने का संदेश दिया जाता है. विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस 2022 की थीम "कार्रवाई के माध्यम से आशा पैदा करना' (Creating hope through action) है.