अपर मुख्य सचिव ने बताया कि शासन के निर्देश पर प्रत्येक जिले की कानून व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ किया जायेगा. इसके अलावा शासन द्वारा यातायात निदेशालय से प्रत्येक जनपद की ट्रैफिक व्यवस्था सुदृढ़ करने की कार्य योजना मांगी गयी है.
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अजीत सिंह/लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश की कानून व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण, सुशासन और शान्ति व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के लिए शासन द्वारा गम्भीरता से प्रयास किये जा रहे हैं. साथ ही प्रदेश की ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर किये जाने के विशेष प्रयास किये जा रहे हैं.
सभी जिलों में कानून व्यवस्था को किया जाएगा चाक चौबंद
अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि शासन के निर्देश पर प्रत्येक जनपद की कानून व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ किया जायेगा. इसके अलावा शासन द्वारा यातायात निदेशालय से प्रत्येक जनपद की ट्रैफिक व्यवस्था सुदृढ़ करने की कार्य योजना मांगी गयी है. पीआरवी 112 के माध्यम से भी नियमित पेट्रोलिंग की व्यवस्था को और सुदृढ़ किया जा रहा है. इसके लिए जनपद स्तर पर पुलिस आयुक्त एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्तर पर जरूरी समीक्षा कर जनपदवार कार्य योजना शासन द्वारा पुलिस मुख्यालय के माध्यम से मांगी गयी है.
माफिया को गैंगस्टर एक्ट में चिन्हित करने को लेकर मांगी गई संयुक्त रिपोर्ट
शासन द्वारा प्रत्येक जिले से विभिन्न प्रकार के माफिया यथा खनन, शराब, पशु, वन तथा भू-माफियाओं को गैंगेस्टर एक्ट में चिन्हित कर जिला व पुलिस प्रशासन की संयुक्त रिपोर्ट भी मांगी गयी है. इन माफिया के विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, अपर पुलिस महानिदेशक, कानून व्यवस्था से समन्वय स्थापित कर कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे.
थानों के टॉप 10 अपराधियों को चिन्हित कर कार्रवाई और नजर रखने के निर्देश
इसी प्रकार सभी जिलों के प्रत्येक थाने में टॉप 10 अपराधियों को चिन्हित कर इनके विरुद्ध नियमानुसार प्रभावी कार्यवाही करने तथा उनपर सतर्क नजर रखने के निर्देश दिये गये हैं. चिन्हित अपराधियों द्वारा यदि किसी भी जनपद में अपराध किया जाता है तो सम्बन्धित थाना स्तर और उस जिले के अन्य सम्बन्धित पुलिस अधिकारी की जिम्मेदारी निर्धारित की जायेगी.
प्रदेश की प्रत्येक तहसील में अग्निशमन केन्द्रों की सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के भी निर्देश दिये गये हैं. अग्निशमन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से कहा गया है कि जो अग्निशमन केन्द्र निर्माणाधीन हैं, उनमें से आगामी 100 दिनों में कम से कम 50 अग्निशमन केन्द्रों को क्रियान्वित कर दिया जाय. सात ही जिन तहसीलों में अग्निशमन केन्द्र नहीं है वहां फायर टेण्डर की अस्थायी व्यवस्था सुनिश्चित की जाय.
शासन द्वारा यह भी निर्देश दिये गये हैं कि प्रत्येक थाने में एकत्रित जब्त-शुदा वाहनों को अभियान चलाकर, आवश्यकतानुसार न्यायालय से आदेश प्राप्त कर यथाशीघ्र निस्तारण की कार्रवाई सुनिश्चित करायी जाय. इस संबंध में जिला व पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वह यह सुनिश्चित करेंगे कि आगामी 60 दिनों में थाना प्रांगण में कोई भी जब्त-शुदा वाहन न रह जाय. यदि उक्त वाहनों का समयबद्ध निस्तारण नहीं हो सकता है तो जनपद स्तर पर जिला व पुलिस प्रशासन समन्वय स्थापित कर उक्त वाहनों को अन्यत्र स्थान चिन्हित कर शिफ्ट कराना सुनिश्चित करेंगे.
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