देहरादून: कृषि कानून के मुद्दे पर सियासत गरमाई हुई है. जहां एक तरफ विपक्ष किसानों के इस आंदोलन में सियासी तड़का लगाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा है, वहीं उत्तराखंड के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल का कहना है कि भारत सरकार के कानून बनाने से पहले उत्तराखंड राज्य में 6 महीने पहले ही यह कानून अस्तित्व में आ गए थे और किसानों ने कोई विरोध नहीं किया. अब विरोध क्यों हो रहा है यह समझ से परे है.


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कानून समझने के लिए किसानों के पास पर्याप्त समय था
सुबोध उनियाल के अनुसार अगर इन कानूनों में किसानों के खिलाफ कुछ होता तो उनके पास इसे समझने के लिए काफी समय था. इसके अलावा, विपक्षी दलों को उस समय इसका विरोध करना चाहिए था. उनियाल ने सवाल उठाया है कि कानून अगर गलत थे तो 6 महीने से इनका विरोध क्यों नहीं किया गया?


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विपक्ष किसानों को कर रहा भ्रमित
कृषि मंत्री की मानें तो यह विपक्ष की सुनियोजित साजिश है. वे देश भर में मुद्दा विहीन विरोध कर रहे हैं और कुछ नहीं. सुबोध उनियाल का कहना है कि शरद पवार और बादल परिवार का इसमें सबसे बड़ा रोल है. वे किसान को भ्रमित कर रहे हैं. इसके साथ ही, कृषि मंत्री ने कहा है कि वह प्रदेश के नेताओं को आमंत्रित कर रहे हैं कि खुले मंच पर आएं और बहस करें कि इसमें किसानों के खिलाफ है क्या?


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