देहरादून: कोरोना के संक्रमण को प्रदेश में रोकने के लिए उत्तराखंड सरकार ने एक बार फिर से प्लान में बदलाव किया है. इस बदली हुई व्यवस्था में कुछ रियायतें दी गई हैं तो कुछ पाबंदियां लगाई गई हैं. उत्तराखंड के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सोमवार को ये नया एसओपी जारी किया. नई व्यवस्था में हाई लोड कोविड 19 वाले शहरों के लिए सख्ती दिखाई गई है जबकि क्वारंटाइन के नियमों में थोड़ी ढील दी गई है. 


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क्वारंटाइन के नियमों में बदलाव 


  • वीवीआईपी लोगों को क्वारंटाइन में छूट दी गई है, लेकिन सुरक्षा नियमों का उन्हें पालन करना होगा. 

  • केंद्र और राज्य सरकार के मंत्री, जज, सांसद, विधायक, केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों को क्वारंटाइन से छूट दी गई है.


मूवमेंट प्लान में भी बदलाव


  • राज्य से बाहर से आने वाले-ट्रेन, बस, हवाई जहाज समेत किसी भी तरह के वाहन से आने वाले लोगों को वेब पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा 

  • सभी को आरोग्य सेतु एप्लिकेशन रखना जरूरी होगा. 

  • 31 शहरों से आने वाले लोगों को 7 दिन संस्थागत क्वारंटाइन और 14 दिन होम क्वारंटाइन होना होगा. वे अपनी सुविधा मुताबिक सरकारी क्वांरटाइन में बिना शुल्क के या फिर पेड क्वारंटाइन सेंटर में रह सकते हैं. अन्य शहरों से आने वालों को 14 दिन के लिए होम क्वांरटीन होना होगा.

  • गर्भवती महिलाएं, गंभीर रोगी, 65 वर्ष से अधिक के वरिष्ठ नागरिक, दस साल से कम उम्र के बच्चों के साथ यात्रा करने वाले माता-पिता को 14 दिन के लिए होम क्वारंटीन होना होगा.

  • यात्रा के दौरान हाई लोड शहर में प्लेन बदलने वालों को भी 14 दिन के होम क्वारंटीन मे रहना होगा.


कंटेनमेंट जोन और बफर जोन
कोविड -19 संक्रमण के आधार पर कंटेनमेंट जोन अब भी डीएम ही तय करेंगे. इन जोन के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के पूर्व के आदेश का पालन किया जाएगा और डीएम चाहेंगे तो नए प्रतिबंध भी लगा सकेंगे. बफर जोन भी तय करने का अधिकार डीएम के पास होगा.


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राज्य के अंदर परमिट की जरूरत नहीं 
राज्य के अंदर यात्रा करने के लिए किसी परमिट और पास की जरूरत नहीं होगी लेकिन वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा. 


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