देहरादून: एक तरफ जहां राज्य में आगामी चुनाव को लेकर बिगुल बजते सुनाई दे रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ सियासी गलियारों में  उथल-पुथल जारी है. इसी बीच एक बड़ी खबर सामने आई है, जिससे राज्य में हलचल तेज हो गई है. दरअसल, उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने बुधवार को इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भी भेज दिया है. बेनी रानी मौर्य उत्तराखंड की राज्यपाल के तौर पर तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुकी हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यूपी की राजनीति में मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी
बेबी रानी मौर्य ने दो दिन पहले नई दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात की थी. इसके बाद से ही उनके इस्तीफा देने की चर्चाएं हो रही थीं. वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बेबी रानी मौर्य यूपी की राजनीति में सक्रिय हो सकती हैं. अटकलें ये भी हैं कि वो यूपी से आगामी विधानसभा चुनाव भी लड़ सकती हैं. फिलहाल देखना ये है कि प्रदेश के नए राज्यपाल की जिम्मेदारी किसे मिलेगी. 


ये भी पढ़ें- जौनपुर: 17 साल की गाय 'लक्ष्मी' का विधि-विधान से हुआ अंतिम संस्कार, तेरहवीं के लिए बांटे गए हजारों कार्ड


राज्य की दूसरी महिला राज्यपाल हैं बेबी रानी मौर्य
28 अगस्त 2018 को बेबी रानी मौर्य ने उत्तराखंड के राज्यपाल की जिम्मेदारी संभाली थी. राज्यपाल केके पाल के इस्तीफा देने के बाद बेबी रानी मौर्य को उत्तराखंड के राज्यपाल की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. आपको बता दें कि उत्तराखंड में बेबी रानी मौर्य दूसरी महिला राज्यपाल थी. इससे पहले मार्गरेट अल्वा उत्तराखंड की राज्यपाल के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभा चुकी थीं. 


महिला सशक्तिकरण में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
बेबी रानी मौर्य ने महिला सशक्तिकरण, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के साथ प्रदेश के विश्वविद्यालयों में क्वालिटी आफ एजुकेशन के साथ कई अभियानों में अपनी सशक्त भूमिका निभाई. बेबी रानी मौर्य ने देहरादून के झांझरा और कुमाऊं के गहना गांव को गोद लिया था. झांझरा गांव का वह कई बार दौरा भी कर चुकी थीं. खास बात ये थी कि वह आम लोगों से मिलती थीं. महिला सशक्तिकरण की योजनाओं को आम लोगों तक पहुंचाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती थीं.  


ये भी पढ़ें- भूत-प्रेत, टोना-टोटका दूर करने के नाम पर करा रहे थे धर्म परिवर्तन, पुलिस ने छापेमारी कर दो लोगों को किया गिरफ्तार


3 साल के कार्यकाल में दो मुख्यमंत्रियों को दिलाई शपथ 
उन्होंने जब उत्तराखंड में राज्यपाल का पदभार संभाला था, उस समय भाजपा की सरकार थी. उन्होंने अपने 3 साल के कार्यकाल में दो मुख्यमंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री की पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई थी. इसी तरह से पूरी कैबिनेट को उन्होंने शपथ दिलाई थी. वहीं, 4 जुलाई को एक बार फिर उन्होंने पुष्कर सिंह धामी को और उनकी पूरी कैबिनेट को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. 


भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष देवेंद्र भसीन का कहना है कि बेबी रानी मौर्य ने बखूबी अपने संवैधानिक पदों का निर्वहन किया. वहीं, कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना का कहना है कि बेबी रानी मौर्य का 3 साल का कार्यकाल ना तो बहुत अच्छा था और ना ही बहुत खराब था. उनका कहना है कि उन्होंने कुछ ऐसे फैसले नहीं किए, जिससे उन्हें यादगार कहा जाए. हालांकि, महिला सशक्तिकरण की दिशा में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य जरूर सक्रिय भूमिका निभाई. 


ये भी पढ़ें- हर की पौड़ी पर शराब पीकर जाना पड़ सकता है भारी, अब प्रवेश द्वार पर होगी एल्कोमीटर से जांच


WATCH LIVE TV