सर्जिकल स्ट्राइक्स के मास्टरमाइंड थे जनरल बिपिन रावत, म्यांमार-पीओके-बालाकोट सभी सर्जिकल स्ट्राइक में थी भूमिका
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand1044091

सर्जिकल स्ट्राइक्स के मास्टरमाइंड थे जनरल बिपिन रावत, म्यांमार-पीओके-बालाकोट सभी सर्जिकल स्ट्राइक में थी भूमिका

सीडीएस जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat) सर्जिकल स्ट्राइक की योजना इतनी बारीकी से बनाते थे कि उसमें कमी की कहीं गुंजाइश ही नहीं रह जाती थी.

सर्जिकल स्ट्राइक्स के मास्टरमाइंड थे जनरल बिपिन रावत, म्यांमार-पीओके-बालाकोट सभी सर्जिकल स्ट्राइक में थी भूमिका

जी न्यूज डेस्क. हेलिकॉप्टर हादसे में दिवंगत हुए सीडीएस जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat) को सर्जिकल स्ट्राइक का मास्टरमाइंड कहा जाए तो गलत नहीं होगा. वह सर्जिकल स्ट्राइक की योजना इतनी बारीकी से बनाते थे कि उसमें कमी की कहीं गुंजाइश ही नहीं रह जाती थी. उरी हमले के बाद पीओके में की गई सर्जिकल स्ट्राइक, पाकिस्तान के बालाकोट में हुई एयर स्ट्राइक और इन दोनों स्ट्राइक से पहले म्यांमार में की गई सर्जिकल स्ट्राइक, इन सभी में दुश्मन पर हमले की सटीक प्लानिंग जनरल बिपिन रावत की महत्वपूर्ण भूमिका की बदौलत ही संभव हो सकी. 2015 में म्यांमार सर्जिकल स्ट्राइक के समय उन पर लेफ्टिनेंट जनरल की जिम्मेदारी थी. उस समय भारतीय सेना के काफिले को मणिपुर के चंदेल जिले में उग्रवादियों ने घेरकर गोलाबारी की और 18 जवानों की जान ले ली. यह घटना जनरल रावत के सीने में शूल की तरह चुभ गई. इस घटना के बाद उन्होंने तुरत-फुरत सर्जिकल स्ट्राइक का प्लान बनाया और आतंकियों को सबक सिखाने का दृढ़ निश्चय किया.

 इस आतंकी हमले के पांच दिन बाद ही जनरल बिपिन रावत ने म्यांमार की सीमा में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक करवा दी. उनके द्वारा चयनित किए गए बेहतरीन पैरा कमांडो ने 38 उग्रवादियों को मारकर अपने जवानों की शहादत का बदला लिया. इस ऑपरेशन के लिए सरकार से स्वीकृति लेते हुए जनरल बिपिन रावत ने पहले ही दावा कर दिया था कि अगर सर्जिकल स्ट्राइक में कुछ गलत हुआ तो उसकी पूरी जिम्मेदारी वहीं लेंगे. वहीं इसकी सफलता का पूरा क्रेडिट स्ट्राइक को अंजाम देने वाले जवानों का ही रहेगा.

जब पुलवामा हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया और हर ओर से आतंक को खत्म करने की आवाजें उठ रही थी, तब जनरल बिपिन रावत ने ही सामने आकर जवानों की शहादत का माकूल बदला लेने का संकल्प जताया था. उस समय वे आर्मी चीफ थे. पुलवामा की घटना 14 फरवरी 2019 को घटी और इसके 12 दिन बाद 26 फरवरी को भारत के लड़ाकू विमान पाकिस्तान की सीमा को पार करते हुए उसकी वायुसीमा में घुसकर बालाकोट में चल रहे आतंकी कैंपों को तबाह कर आए. स्ट्राइक हालांकि इंडियन एयर फोर्स ने अंजाम दी थी, पर जनरल बिपिन रावत इनमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए सरकार के साथ अत्यावश्यक प्लानिंग प्रक्रिया में शामिल रहे थे. पुलवामा हमले के तत्काल बाद जो आपात बैठकें होती रहीं, उन सभी में जनरल बिपिन रावत आतंकियों को सबक सिखाने पर मंथन करने के लिए मौजूद रहे. जम्मू कश्मीर को वर्षों से खोखला कर रहे आतंकवाद को वहां से खत्म करने के लिए जनरल बिपिन रावत ने ऑपरेशन ऑल आउट की व्यू रचना की. यह उनकी गजब की सामरिक समझ का ही नतीजा था कि कश्मीर में अस्थिरता लाने वाले तत्वों को वहां से चुन-चुन कर जहन्नुम पहुंचाया जाने लगा.

WATCH LIVE TV

Trending news