पुष्कर चौधरी/ चमोली: उत्तराखंड में मानसून आने के बाद से लगातार बारिश हो रही है. पर्वतीय क्षेत्रों में तो पिछले कुछ दिनों से बारिश बंद ही नहीं हुई है. मंगलवार 11 जुलाई की सुबह उत्तराखंड में चीन सीमा क्षेत्र को जोड़ने वाला जोशीमठ- मलारी हाईवे पर बना एकमात्र पुल बह गया. इस पुल के टूट जाने से नीती घाटी का संपर्क पूरे देश- दुनियां से कट गया है. यहां जाने वाले सेना के जवानों की आवादाही रुक गई है. 


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खबर विस्तार से
चमोली जोशीमठ से लगभग 50 किलोमीटर दूर मलारी की ओर जुम्मा में लगभग सवा सात बजे बदल फटने से नदी का जल स्तर बहुत बढ़. नदी में पानी इतना  बढ़ गया कि चट्टान का एक हिस्सा जुम्मा पुल पर अटक गया, जिस वजह से पुल बह गया. सीमा क्षेत्र को जोड़ने वाला एकमात्र पुल होने की वजह से बॉर्डर एरिया का सपर्क कट चुका है. यह पुल बॉर्डर एरिया को जोड़ने वाला एक मात्र साधन था. 


जुम्मा में ग्लेशियर टूटने से जुम्मा ब्रिज बह गया. कई इलाकों का संपर्क टूट गया है. इस पुल के टूट जाने से प्रभावित होने वाले गांव द्रोणागिरी, जेलम, कागा, गरपक, मलारी, कोषा, कैलाशपुर, फरक्या, बम्पा, गमसाली, नीती, मेहरगांव ,लमतोली और गुरगुती इन गांवों को जुड़ने सम्पर्क टुटा. 


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बरसात के मौसम में पहाड़ों में नदियां उफान पर रहती हैं. इन नदियों के पास रहने वालों को खतरा बना रहता है. चमोली में हुए नुकसान के बाद दूसरी खबर धारचूला से है. जानकारी के अनुसार महाकाली नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है. कुमाऊं में लगातार हो रही बारिश से नदियां उफान पर. भारत नेपाल के बीच महाकाली नदी खतरे के निशान के करीब पहुंच चुकी है. बताया जा रहा है कि महाकाली नदी 889 मीटर पर बह रही है. यहां खतरे का निशान 890 मीटर पर है. 


दूसरी सीमा पर भी जल
स्थानिय लोगों का कहना है कि धारचूला के खोतीला में शुरू हुआ भू कटाव हो रहा है. काली नदी का जलस्तर बढ़ने से धारचूला के खोतीला में भू कटाव शुरू हो गया है. जिसके बाद ग्रामीण घरों को खाली करने को मजबूर है. बता दें कि बीते दो दिनों से हो रही बारिश के बाद काली नदी का जलस्तर में लगातार बड़ रहा है. खोतीला में रह रहे 100 से ज्यादा परिवार अन्य जगह शिफ्ट होने को मजबूर हो गए हैं.