उत्तर रेलवे की यात्रियों की सुरक्षा के लिए पहल, ट्रेनों को कीटाणु रहित रखने के लिए यूवीसी रोबोट तकनीक का इस्तेमाल शुरू
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उत्तर रेलवे की यात्रियों की सुरक्षा के लिए पहल, ट्रेनों को कीटाणु रहित रखने के लिए यूवीसी रोबोट तकनीक का इस्तेमाल शुरू

भारतीय रेलवे भी तकनीक के विकास में आगे बढ़ रहा है. कोरोना महामारी के दौरान उत्‍तर रेलवे ने यात्रा के दौरान यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक सुविधा प्रदान करने के लिए काम किया.

उत्तर रेलवे की यात्रियों की सुरक्षा के लिए पहल, ट्रेनों को कीटाणु रहित रखने के लिए यूवीसी रोबोट तकनीक का इस्तेमाल शुरू

लखनऊ: भारतीय रेलवे भी तकनीक के विकास में आगे बढ़ रहा है. कोरोना महामारी के दौरान उत्‍तर रेलवे ने यात्रा के दौरान यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक सुविधा प्रदान करने के लिए काम किया. उत्‍तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने बताया कि यात्रियों की संरक्षा को प्राथमिकता देते हुए उत्‍तर रेलवे ने यात्री डिब्‍बों को कीटाणुरहित करने के लिए अनेक प्रयासों और परीक्षणों के बाद यूवीसी तकनीक को अपनाया है.

लखनऊ शताब्दी ट्रेन में पहली बार हो रहा इस्तेमाल
भारतीय रेल के दिल्‍ली मण्‍डल में जुलाई, 2021 से डीएलटी डिपो में रेलगाड़ी संख्‍या 02004 (लखनऊ शताब्‍दी स्‍पेशल) में इस तकनीक का इस्‍तेमाल पहली बार किया जा रहा है. रिमोट कंट्रोल से चलने वाली इस मशीन के इस्‍तेमाल से पूरी रेलगाड़ी को स्‍वचालित रूप से कीटाणुरहित किया जा रहा है. यह तकनीक उन स्‍थानों पर भी कारगर है, जहां तक किसी अन्‍य मौजूदा प्रक्रिया द्वारा नहीं पहुंचा जा सकता है. 

यूवीसी तकनीक का हो रहा प्रयोग
यह यूवीसी तकनीक पूरी तरह सुरक्षित और उपयोग के अनुकूल है. इस मशीन को वाशिंग लाइन पर सुगमता के साथ इस्‍तेमाल में लाया जा सकता है. रेलवे के इस प्रयास पर यात्रियों की प्रतिक्रियाएं सकारात्‍मक रही हैं. यह तकनीक कम्‍पार्टमेंट क्षेत्र के शत-प्रतिशत कीटाणुशोधन के लिए यूवीसी लाइट्स के साथ लगे स्‍वायत्‍त पंखों वाले रोबोटिक उपकरण का उपयोग करती है.

जीवाणु, कीटाणु और रोगाणु को 99.99% तक मारने की क्षमता
यह डिवाइस ऑपरेटर और आस-पास की सुरक्षा के लिए वायरलैस रिमोट कंट्रोल की मदद से संचालित होता है. गौरतलब है कि यह तकनीक कोरोना वायरस के न्‍यूक्‍लियस को नष्‍ट कर देती है, जिससे इसके वायरस के बढ़ने पर रोक लग जाती है. इसके साथ ही यह अपनी तरह का एक हरित उपाय भी है. सरकार द्वारा प्रमाणित प्रयोगशाला द्वारा किये गये परीक्षण और जांच के उपरांत यह पाया गया है कि यह तकनीक जीवाणु, कीटाणु और रोगाणु को 99.99% तक मार देती है. 

इस तकनीक को भारतीय चिकित्‍सा अनुसंधान परिषद, सीएसआईओ और तनुवास अध्‍ययन केंद्र, भारत सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया है. एयर इंडिया एक्‍सप्रेस केबिन को कीटाणुरहित करने के लिए पहले से ही इस तकनीक का इस्‍तेमाल कर रही है और पिछले लगभग दो दशकों से अस्‍पतालों द्वारा भी इसका इस्‍तेमाल किया जा रहा है. 

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