UP: ना हिंदी, ना अंग्रेजी सिर्फ संस्कृत में देता है दलील, इस वकील के सामने बोलना है मुश्किल, जानें कौन हैं ये
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UP: ना हिंदी, ना अंग्रेजी सिर्फ संस्कृत में देता है दलील, इस वकील के सामने बोलना है मुश्किल, जानें कौन हैं ये

ये वकील हैं आचार्य श्याम उपाध्याय, जो पिछले 38 सालों से अपना सारा काम संस्कृत भाषा में ही करते हैं.

संस्कृत में काम करने वाले वकील से मिलिए

नवीन पांडे/वाराणसी: अक्सर देश की अदालतों में वकील हिंदी या फिर अंग्रेजी भाषा में काम करते हैं, ज्यादातर वकील अंग्रेजी भाषा को ही चुनते हैं, लेकिन वाराणसी में एक ऐसे वकील हैं, जो ना अंग्रेजी में लिखते हैं, ना ही हिंदी, उन्होंने अपने काम के लिए संस्कृत भाषा को चुना है. ये वकील हैं आचार्य श्याम उपाध्याय, जो पिछले 38 सालों से अपना सारा काम संस्कृत भाषा में ही करते हैं.

वाराणसी के वकील श्याम उपाध्याय ना सिर्फ शपथपत्र पत्रावली संस्कृत में लिखते हैं, बल्कि कोर्ट में जिरह भी वे संस्कृत भाषा में ही करते हैं. श्याम उपाध्याय संस्कृत में आचार्य और बीएएलएलबी हैं. 1978 से आज तक ये न्यायालय के कार्य को पूरी तरह संस्कृत में करते हैं.

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आचार्य श्याम उपाध्याय के संस्कृत के इस लगाव के पीछे की वजह को उनके पिता ने बताया है. उनका कहना है कि न्यायालय का काम संस्कृत में नहीं होता, इस बात से वे बचपन से ही परेशान थे. कक्षा सात में ही श्याम ने ठान लिया था कि वे वकील बनेंगे और कोर्ट में संस्कृत भाषा का प्रयोग करेंगे. इसीलिए श्याम ने बीएएलएलबी करने के बाद कोर्ट में काम शुरू किया. और सारा काम संस्कृत में किया.

वकील आचार्य श्याम उपाध्याय काली कोट धारण करने के साथ माथे पर त्रिपुंड और तिलक लगाते हैं. इतना ही नहीं अपने पास केस लेकर आये लोगों को बड़ी ही सहजता के साथ संस्कृत में ही समझाते हैं. फिर संस्कृत में पत्र भी लिखते हैं

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