Allahabad News: इलाहाबाद  हाईकोर्ट ने पीएम और सीएम योगी पर अभद्र टिप्पणी के आरोपी की जमानत याचिका को खारिज किया. हाईकोर्ट ने कहा सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल औजार की तरह नहीं किया जा सकते हैं. याची अमित मौर्य के खिलाफ वाराणसी के थाने में मुकदमा दर्ज है.  प्रेस रिपोर्टर बनकर पीएम और सीएम योगी को लेकर अभद्र टिप्पणी का आरोप है.


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हाईकोर्ट ने पत्रकारों और प्रकाशकों को नसीहत दी
हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए पत्रकारों और प्रकाशकों को नसीहत देते हुआ कहा, पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों की सही जानकारी सार्वजनिक करना उचित है. लेकिन व्यक्तिगत लाभ और धनउगाही के लिए मीडिया मंच के इस्तेमाल की इजाजत नहीं दी जा सकती. कोर्ट ने कहा इससे पत्रकारिता की विश्वसनीयता और जनविश्वास खत्म होता है. सटीक और तथ्यात्मक जानकारी सार्वजनिक करना चाहिए. कोर्ट ने कहा सरकार के कार्यों से असहमति और आलोचना की आजादी गरिमा पूर्ण तरीके से सभी को है.



अभिव्यक्ति गरिमा के अनुरूप होनी चाहिए
कोर्ट ने सोशल मीडिया पर अशोभनीय टिप्पणी को सही नहीं माना.  कोर्ट ने कहा कि सरकार के कार्यो पर आलोचना या असमहति की  सभी  को स्वतंत्रता है. मगर अभिव्यक्ति गरिमा के अनुरूप होनी चाहिए.  अपमानजनक भाषा कभी भी रचनात्मक उद्देश्य की पूर्ति नहीं कर सकती है. आगे कहा, आलोचना करना सभी का अधिकार है मगर  उसमे पारदर्शिता  और सार्वजनिक सहभागिता की संस्कृति होनी चाहिए. किसी का  चरित्र हनन करना मूल उद्देश्य से भटकाना है. शत्रुतापूर्ण संवाद कटुता को बढ़ाता है. लोकतंत्र में सरकारी नीति व कार्यो की  उचित अलोचना होनी चाहिए.  मगर नफरती भाषा कलह पैदा करती है. इससे  लोकतंत्र की नींव कमजोर होती है.


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