वाराणसी: अयोध्या में मुआवजे को लेकर खड़े हुए विवाद और उससे चुनाव के दौरान हुए नुकसान के बाद वाराणसी को लेकर सरकार और प्रशासन ने बड़ी सबक ली है.  उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के लोग जल्दी ही मालामाल हो जाएंगे और जाम से राहत मिलेगी सो अलग. दरअसल, इसके लिए हाईवे व रिंग-रोड से जोड़ने वाली छह सड़कों को चौड़ा किया जा रहा है. इस चौड़ीकरण के कार्य में ऐसे 1500 से अधिक भवन स्वामी जद में आए हैं जिनके पास स्वामित्व का प्रमाण पत्र ही नहीं है. इस कारण बड़ा बवाल शुरू हो गया और लोगों ने विरोध भी जताया है. जिसे गंभीरता पूर्वक लेते हुए अब प्रभावितों को मुआवजा देने की बात निकली है. 


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चौड़ीकरण का रास्ता
दरअसल, मुकमिश्नर कौशल राज शर्मा द्वारा शासन से फिलहाल प्रभावित लोगों को मुआवजा देने के लिए अनुमति मांगी गई है. चौड़ीकरण में कचहरी से आशापुर होते हुए संदहा, लहरतारा से लेकर बीएचयू-रवींद्रपुरी कालोनी और पांडेयपुर से आजमगढ़ की सड़क पर रिंग रोड तक, इसके अलावा कैंट-मोहनसराय से लेकर पड़ाव रामनगर व यहां से टेंगरामोड़ की सड़कें हैं जिनका चौड़ीकरण किया जा रहा हैं. इन मार्गों पर चौड़ीकरण का काम किया जा रहा था लेकिन कुछ स्थानों पर मुआवजे को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया.


किन जगहों पर प्रभावित हैं लोग
पांडेयपुर-आजमगढ़ मार्ग पर 599
कहचरी-संदहा पर 579
कैंट-मोहससराय पर 157
लहरतारा-रविंद्रपुरी पर 238 आदि रूट. 


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स्वामित्व प्रमाणपत्र पर मुआवजा
मुआवजे के लिए पहले पीडब्ल्यूडी के साथ ही राजस्व विभाग लगातार स्वामित्व प्रमाणपत्र मांग भवन स्वामियों से कर रहे थे और जिनके पास पेपर नहीं थे वो उन्हें सरकारी जमीनों का अतिक्रमण करना कहा जा रहा था. स्थितियां इस तरह थी कि कुछ के तो भवन संबंधी पारिवारिक विवाद थे तो कुछ पुश्तैनी मकानों को किसी तरह का प्रपत्र ही नहीं था. कई रास्ते निकाले गए ताकि लोगों की आपत्तियां दूर की जाएं लेकिन ऐसा हो नहीं सका. आखिर में सभी भवन स्वामियों को अब प्रशासन मुआवजा देने का निर्णय पर आया है. फिलहाल, इसमें पात्र की लिस्ट बनाई जा रही है. प्रशासन नान जेडए भूमि के लोगों की लिस्ट तैयार की जा रही है. राहत की उम्मीद फिलहाल की जा रही है.