Amarnath Yatra 2024: जयपुर के रहने वाले आनंद सिंह ने 2002 में एक एक्सीडेंट में अपने दोनों पैर खो दिए थे. भगवान शिव के भक्त आनंद सिंह 3880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा की अपनी 12वीं यात्रा पर निकले हैं.
Trending Photos
Rajathan Divyang Man 12th Amarnath Yatra: राजस्थान के जयपुर के रहने वाले आनंद सिंह ने साल 2002 में एक एक्सीडेंट में अपने दोनों पैर गंवा दिए. जिस हाल में लोगों का चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है, ऐसी स्थिति में आनंद सिंह 14 सालों में 11 बार पवित्र अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं और अब वो अपनी 12वीं यात्रा पर निकल चुके हैं. आनंद सिंह उन 6000 तीर्थयात्रियों के तीसरे जत्थे में शामिल हैं, जो हिमालय में वार्षिक अमरनाथ तीर्थयात्रा में भाग लेने के लिए जम्मू के भगवती नगर आधार शिविर से रवाना हुए हैं. भगवान शिव के भक्त आनंद सिंह 3880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा में 12वीं बार अपने आराध्य के दर्शन करेंगे.
2010 में शुरू की थी यात्रा
2002 में एक दुर्घटना में अपने दोनों पैर खोने के बाद से आनंद सिंह ने साल 2010 में अमरनाथ यात्रा की शुरुआत की थी और 14 सालों में अब तक 11 बार यात्रा पूरी कर चुके हैं. उनकी भक्ति ने उनकी विकलांगता को बाधा नहीं बनने दिया. 14 सालों में केवल तीन मौके आए, जब अमरनाथ यात्रा पर नहीं जा सके हैं. अमर सिंह ने बताया, 'मैंने 2010 में बाबा के दरबार में आना शुरू किया. मैं 2013 में केदारनाथ में बाढ़ के कारण और दो साल तक जब कोरोना महामारी के कारण अमरनाथ यात्रा स्थगित कर गई थी, तब मैं यात्रा से चूक गया.'
बैठने के लिए ट्रक के टायर का सहारा
दोनों पैरों से दिव्यांग आनंद सिंह बैठने के लिए ट्रक के टायर के एक कटे हुए हिस्से का इस्तेमाल करते हैं. चलने के लिए वह अपने हाथों का सहारा लेते हैं. उन्होंने भगवान भोले के पवित्र गुफा में तब तक जाने का संकल्प लिया है, जब तक वह स्वयं ऐसा कर सकते हैं. उन्होंने कहा, 'मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि लोग मेरे बारे में क्या कहते हैं. कुछ लोग मेरे प्रयासों को सकारात्मक रूप से देखते हैं, जबकि कुछ अन्य मेरी आलोचना करते हैं. सभी लोग एक जैसे नहीं होते.'
हाथों पर घसीटते हुए पूरी की थी यात्रा
आनंद सिंह ने बताया, 'पहले चार या पांच साल तक मैं अपने हाथों से खुद को घसीटते हुए चलता था और ऐसे ही अपनी यात्रा पूरी की थी, लेकिन अब मेरे लिए यह मुश्किल हो गया है. अब अमरनाथ गुफा तक जाने के लिए मैं पालकी में यात्रा करता हूं.' भगवान शिव के साथ अपने विशेष संबंध पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, 'यह बंधन हर साल मजबूत होता जा रहा है. इसलिए मैं यहां आता हूं.'
150 साल पहले मुस्लिम ने की थी अमरनाथ गुफा की खोज
दक्षिण कश्मीर हिमालय के अनंतनाग जिले के पहलगाम क्षेत्र में स्थित बाबा बर्फानी के अमरनाथ गुफा की वार्षिक यात्रा शनिवार (29 जून) को शुरू हुई, जिसमें एक प्राकृतिक बर्फ शिवलिंग बनता है. 52 दिवसीय तीर्थयात्रा 19 अगस्त को समाप्त होगी. इस गुफा की खोज 150 साल से भी अधिक समय पहले एक मुस्लिम चरवाहे ने की थी.
(इनपुट- पीटीआई)