Sawan 2023: धार्मिक नगरी वाराणसी-चित्रकूट में पुरुषोत्तम मास के सोमवार पर श्रद्धालुओं का तांता, शिवजी का किया जलाभिषेक
Chitrakoot News: भगवान राम भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता के साथ चित्रकूट पहुंचकर भगवान शिव जी से आज्ञा प्राप्त करने के बाद ही चित्रकूट में वास किया था.
ओंकार सिंह / चित्रकूट: धार्मिक नगरी चित्रकूट में आज पुरुषोत्तम मास के सोमवार के अवसर पर शिव भक्तों ने शिवजी का जलाभिषेक किया है और मनवांछित फल की कामना की. धार्मिक नगरी चित्रकूट में शिव जी की स्थापना स्वयं ब्रह्मा जी ने की थी और भगवान भोलेनाथ को चित्रकूट का राजा नियुक्त किया गया था. ऐसी मान्यता है कि चित्रकूट में शिव जी के दर्शन और उनकी आज्ञा के बाद ही दूसरे तीर्थ स्थलों में दर्शन का फल मिलता है. Fourth Sawan Somwar 2023
शिव जी से आज्ञा
कहते हैं कि भगवान राम जब वनवास काल में चित्रकूट आए थे तो उन्होंने महर्षि वाल्मीकि से मुलाकात की थी जहां महर्षि वाल्मीकि जी ने प्रभु राम को चित्रकूट में वास करने से पहले महाराजाधिराज मतगजेंद्रनाथ शंकर जी की आज्ञा लेने का निर्देश दिया था. जहां भगवान राम ने भगवान शिव जी से आज्ञा ली और तब चित्रकूट में वास किया था.
महाराजाधिराज मतगयेंद्र नाथ शिव मंदिर
ऐसे तो धार्मिक नगरी चित्रकूट में मंदाकिनी स्नान के बाद लोग शिवजी का जलाभिषेक करते हैं लेकिन यहां श्रावण मास के सोमवार को शिव भक्तों का सैलाब उमड़ता है. इस समय पुरुषोत्तम मास का महीना चल रहा है जिसे भगवान शिव जी का प्रिय महीना कहा जाता है. ऐसे में यहां शिव भक्तों का तांता लगा रहता है. सोमवार के दिन महाराजाधिराज मतगयेंद्र नाथ शिव मंदिर में सुबह 3:00 बजे से शिव भक्तों का आना प्रारंभ हो गया था. पुरुषोत्तम मास में धार्मिक नगरी चित्रकूट में श्रद्धालुओं का आवागमन बना रहता है।
शिव भक्तों की भीड़
पुरुषोत्तम मास में शिव भक्तों की भीड़ को देखते हुए चित्रकूट जिला प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए है. मंदिर परिसर के अलावा रामघाट और सीतापुर में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था, जिससे कि शिव भक्तों को किसी भी तरह की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े. चित्रकूट के कई थानों की पुलिस टीमों को यहां तैनात किया गया था.
वाराणसी में भी श्रद्धालुओं का तांता
वहीं वाराणसी की बात करें तो 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ज्योतिर्लिंग काशी विश्वनाथ धाम में आज श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा. सावन के चौथा सोमवार को लेकर भक्तों में काफी उत्साह है. दूरदराज से आने वाले श्रद्धालु और कावड़िया गंगा स्नान करने के बाद गंगा का जल लेकर काशी विश्वनाथ जलाभिषेक के लिए पहुंचे. दर्शन पूजन करने के बाद श्रद्धालुओं ने व्यवस्थाओं की तारीफ की और कहा कि दर्शन पूजन करने में किसी भी तहर की कोई तकलीफ नहीं हुई.
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