लेकिन प्रकृति ने जनपद को एक ऐसी सौगात दी है जो आपको मंत्र मुग्ध कर देगा. वहां का नजारा देखकर आप हैरत में पड़ जाएंगे. एक ऐसा जलप्रपात जो देखने में जहां अति सुंदर है. वही वहां का नजारा देखकर आपको नियाग्रा फाल की याद आ जाएगी.
पूर्वांचल में पहली बार ऐसा जल प्रपात सामने आया है, जो लोगों के आकर्षण का केंद्र बना है. इस जल प्रपात पर जिला प्रशासन द्वारा पर्यटकों की सुविधाओं को देखते हुए दो करोड़ रुपए खर्च कर सारी व्यवस्थाएं की जा रही है. घने जंगल के बीच स्थित इस झरने का नजारा देखने लायक है.
जिले के नौगढ़ तहसील क्षेत्र के पंडी गांव के समीप घने जंगल के बीच कर्मनाशा नदी पर बने छान पातर झरना है. कर्मनाशा नदी पर स्थित छान पातर दरी को अभी करीब साल भर पहले ही जिला प्रशासन द्वारा चिन्हित किया गया है.
घने जंगल के बीच होने के कारण यहां तक पहुंचना मुश्किल था. चांद पातर दरी की चौड़ाई लगभग 200 फीट और गहराई 200 फीट से अधिक है. झरने से पानी गिरता हुआ ऐसा प्रतीत होता है जैसे दूध का झरना बह रहा हो.
छान पातर दरी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने को लेकर शासन ने दो करोड़ रुपए जारी किए हैं. जिसमें पर्यटन के लिहाज से छान पातर दरी पर पर्यटकों के सुविधा के लिए मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही पेयजल और भोजन नाश्ते के लिए कैंटीन की व्यवस्था करना शामिल है.
रॉक क्लाइंबिंग, झूला और अन्य तरह की गतिविधियां स्थापित करने का प्रोजेक्ट भी बनाया गया है। जिसका काम लगभग अंतिम चरण में है. आसपास के जनपदों के साथ ही बिहार से भी बड़ी संख्या में लोग छान पातर दरी पहुंचना शुरू कर दिए हैं.
वाराणसी से सड़क मार्ग के जरिए 90 किलोमीटर की दूरी तयकर नौगढ़ के औरवातांड मार्ग से होते हुए पंडी गांव के पास घने जंगल में स्थित छान पातर दरी जाया जा सकता है। जिसके लिए जिला प्रशासन और वन विभाग ने सड़क मार्ग पर जगह जगह साइन बोर्ड भी लगाया है. ताकि आराम से पर्यटक वहां पहुंच सके.
यहां पर मौजूद पर्यटकों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह नजारा बहुत ही सुंदर और देखने लायक है और लोगों को यहां आना चाहिए. घने जंगल के बीच शांत वातावरण है और यह घूमने लायक बहुत अच्छी जगह है.