विशांत श्रीवास्तव/वाराणसी: आज (6 अगस्त) सावन की शिवरात्रि है. हिन्दू पंचाग के अनुसार, हर महीने कृष्ण पक्ष के 14वें दिन को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है, लेकिन सावन में आने वाली शिवरात्रि को सावन शिवरात्रि कहते हैं. भगवान शिव के अनन्य भक्त प्रत्येक मासिक शिवरात्रि को व्रत रखते हैं व श्रद्धापूर्वक शिवलिंग की पूजा-अर्चना करते हैं. एक साल में 12 शिवरात्रि आती हैं, लेकिन इन 12 शिवरात्रि में से 2 शिवरात्रि का सबसे अधिक महत्व माना जाता है.


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वाराणसी में लगा शिव भक्तों का तांता


कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर हर महीने शिवरात्रि मनाई जाती है लेकिन सावन के महीने में इसका एक खास महत्व होता है. बाबा शिव की नगरी काशी यानी कि वाराणसी में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है. 


सुरक्षा के इंतजाम पुख्ता
भारत के कोने-कोने से लोग आकर अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए बाबा को जल और बेल पत्ती चढ़ा रहे हैं. सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए हैं और चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा कर्मी तैनात हैं. बाबा के दर्शन करने आए भक्त व्यवस्थाएं देखकर काफी खुश नजर आ रहे हैं.


शिवरात्रि के दिन पूरे शिव परिवार की होती है पूजा-अर्चना


सावन शिवरात्रि के दिन पूरे शिव परिवार की पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन व्रत, उपवास, मंत्र जाप तथा रात्रि जागरण का विशेष महत्व है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव के साथ मां गौरी की पूजा करने से वैवाहिक जीवन की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.


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