बीएचयू में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज किया जा रहा है. बीते दो दिनों में मरीजों की संख्या में कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई है. लेकिन पहले से यहां पर भर्ती तीन मरीजों की मौत हो गई है.
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वाराणसी: देश में कोरोना के साथ ब्लैक फंगस (covid 19 and Black Fungus) का संक्रमण लोगों के डर को और बढ़ा रहा है. ब्लैक फंगस का प्रकोप कम नहीं हो रहा है. बीएचयू हॉस्पिटल में पिछले दो दिनों में ब्लैक फंगस का कोई नया मरीज नहीं मिला, लेकिन तीन मरीजों की मौत हो गई है. अब तक ब्लैक फंगस के कुल 219 मरीज सामने आ चुके हैं जिनमें से 62 मरीजों की मौत हो चुकी है.
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अस्पताल में चल रहा 136 मरीजों का इलाज
बीएचयू में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज किया जा रहा है. बीते दो दिनों में मरीजों की संख्या में कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई है. लेकिन पहले से यहां पर भर्ती तीन मरीजों की मौत हो गई है. 21 मरीज ठीक होने के बाद डिस्चार्ज हो गए हैं. 136 मरीजों का इलाज चल रहा है. बीएचयू हॉस्पिटल के एमएस ने बताया कि जिन मरीजों की मौत हुई है उनको ब्लैक फंगस के साथ पहले से ही शुगर समेत कई बीमारियां थीं.
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ब्लैक फंगस
म्यूकॉरमायकोसिस (ब्लैक फंगस) लोगों की जान का दुश्मन बना हुआ है. म्यूकॉर से सबसे ज्यादा नुकसान आंखों को होता है जिसे विज्ञान की भाषा में राइनो ऑर्बिटल सेरीब्रल म्यूकॉरमायकोसिस (आरओसीएम) कहते हैं.जानकारों के मुताबिक स्टेरॉयड के अधिक सेवन और अन्य तमाम दवाओं के चलते ब्लैक फंगस, वाइट फंगस या फिर येलो फंगस जैसी समस्या पैदा होती है. हालांकि राहत की बात यह है कि ब्लैक फंगस किसी इंसान को दूसरे व्यक्ति से संक्रमण के चलते नहीं होता.
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