वाराणसी : विश्व प्रसिद्ध काशी की देव दीपावली पर लोग देश-दुनिया से वाराणसी पहुंचकर मां गंगा की गोद में दीपदान करते हैं लेकिन लाखों लोग यहां चाहकर भी नहीं आ पाते हैं. ऐसे लोगों की दीप जलाने की इच्छा इस बार की देव दीपावली पर जरूर पूरी होगी. दरअसल, उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने पहली बार डिजिटल दीया का रास्ता निकाला है जिससे सभी दीपदान कर पाएंगे. डिजिटल दीया कॉन्सेप्ट के माध्यम से देव दीपावली पर कोई भी दीया जला सकेगा. इस सुविधा नि:शुल्क रखा गया है. आपको बता दें कि दीपावली पर्व के ठीक 15 दिन बाद काशी में विश्व प्रसिद्ध देव दीपावली मनाई जाती है जहां यूपी समेत देश-विदेश से भी पर्यटक आते हैं.


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'एक दीया काशी के नाम' कैंपेन
पर्यटन उपनिदेशक आरके रावत ने इस संबंध में जानकारी दी है कि 'एक दीया काशी के नाम' कैंपेन पर्यटन विभाग की पहल है जिसमें हर नागरिक अपने नाम से एक दीया ऐप के जरिए दे सकेगा. उन्होंने कहा कि, टूरिस्ट खुद ही दीया दे सकते हैं. देवरिया जिले की चेयरमैन ने कहा कि गाय के गोबर के दीये वे देंगी. इसके अलावा एक एनजीओ है जो ऐसे दीये बनाती है. लोगों से अपील है कि अगर वे दीया दान में देना चाहें तो कैंपेन के अंतर्गत दे सकते हैं. देव दीपावली पर ये दीपक उपयोग में लाए जाएंगे. ये सुविधा पूरी सुविधा निःशुल्क होगी. उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक ऐप पहुंचाया जाएगा. देव दीपावली पर दीया जलाने की डिजिटल सुविधा पूरी तरह से नि:शुल्क होगा. 


काशी की देव दीपावली 
जानकारी दे दें कि वाराणसी में देव दीपावली धूमधाम से मनाई जाती है. माना जाता है कि इस दिन देवता स्वर्ग से काशी उतरते हैं और पवित्र गंगा घाटों पर ही रहते हैं. यहां महाआरती में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं के लिए देवता मार्ग प्रशस्त करते हैं. वहीं, इस दिन देवी-देवताओं की पूजा-आराधना करने और स्नान करने का काफी महत्व है. स्नान ध्यान के बाद यहां दीपदान किया जाता है. बड़ी संख्या में लोग यहां दीप जलाने आते हैं.


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