पुष्कर चौधरी/चमोलीः उत्तराखंड के चमोली में शुक्रवार रात से हो रही भारी बारिश हर तरफ हाहाकार मचा हुआ है. चमोली जनपद में एक ओर जहां बादल फटने से दो परिवारों के चार लोग मलबे में जिंदा दफन हो गए तो वहीं कई इलाकों में सड़कें भी पानी के साथ बह गईं, जिसके बाद अब लोगों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. चमोली में पैदल रास्तों के बह जाने से स्कूली बच्चे जान जोखिम में डालकर स्कूल पहुंच रहे हैं. ऐसा ही नजारा विकासखंड घाट स्थित कुमजुक गांव का में देखने को मिला, जहां छोटे-छोटे बच्चे स्कूल जाने के लिए अपनी जान को जोखिम में डालने को मजबूर हैं.


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यहां बारिश के चलते सड़कें टूटने के कारण बच्चे जान जोखिम में डालकर स्कूल पहुंच रहे हैं. वहीं बादल फटने से फलिदया गांव में काफी नुकसान हुआ है, इस आपदा में मां-बेटी का शव अभी तक नहीं मिल पाया है. हालांकि एनडीआरएफ की टीम घटना स्थल पर शव की खोज बीन कर रही है, लेकिन मलबा अधिक होने से शव ढूंढने में दिक्कतें आ रही हैं. इसको लेकर लोगों में आक्रोश भी है.


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लेकिन फलिदया गांव में एनडीआरएफ एवं बीआरओ की टीम द्वारा आपदा पीड़ितों की मदद के साथ ही सड़क खोलने का काम किया जा रहा है. वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता लखपत बुटोला ने आपदा क्षेत्रों का भ्रमण किया और इस दौरान उन्होंने कहा कि आपदा पीड़ितों की सरकार जल्द से जल्द रहने और खाने की व्यवस्था करे. साथ ही इस आपदा में मां-बेटी का शव जल्दी ही ढूंढकर परिजनों को सुपुर्द करने की मांग की है. 


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बता दें चमोली में लगातार जारी मूसलाधार बारिश से 30 से अधिक आवास क्षतिग्रस्त हुए हैं. वहीं 200 से ज्यादा घरों में अभी भी पानी भरा हुआ है और 60 से ज्यादा संपर्क मार्ग पानी के साथ ही बह गए. ऐसे में प्रशासन के लिए भी प्रभावित इलाकों तक पहुंचना मुश्किल हो गया है, जिसके चलते स्थानीय लोग आक्रोशित नजर आ रहे हैं.