What is Difference Between Protest and Movement: प्रयागराज स्थित लोक सेवा आयोग के बाहर प्रतियोगी छात्र अपनी मांगों को लेकर पिछले चार दिनों से आयोग के गेट पर डटे हैं. हजारों की संख्‍या में प्रयागराज पहुंचे छात्रों की पुलिस से झड़प भी हुई. प्रयागराज पुलिस कई बार छात्रों को धरनास्‍थल से उठाने की कोशिश की, हालांकि छात्र अपनी मांगों पर अड़ रहे. आखिर में आयोग को छात्रों के आंदोलन के आगे झुकना भी पड़ा और उनकी मांगें स्‍वीकार कर ली. इन सबके बीच धरना, आंदोलन और प्रदर्शन जैसे शब्‍द रोजाना सुने गए. बहुत कम लोगों को पता है कि तीनों में अंतर होता है. तो आइये जानते हैं तीनों में अंतर. 


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धरना क्‍या होता है? 
धरना, प्रदर्शन का एक तरीका होता है, जिसमें व्यक्ति किसी कार्यस्थल या संगठन के बाहर खड़े होकर किसी मुद्दे को लेकर प्रचार करते हैं. साथ ही जिसके खिलाफ धरना दे रहे होते हैं, उन्‍हें अपनी मांगों को स्‍वीकार करने के लिए राजी करते हैं. साफ शब्‍दों में कहें तो धरना एक विरोध का तरीका है. लोग धरने के जरिए किसी बात का विरोध करते हैं. वहीं, विरोध प्रदर्शन, अन्याय या दमनकारी प्रणालियों के खिलाफ प्रतिरोध करने का एक तरीका है.


आंदोलन किसे कहते हैं?
आंदोलन का मकसद, सत्ता या व्यवस्था में सुधार या बदलाव करना होता है. यह राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक, पर्यावरणीय, या सांस्कृतिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए भी किया जाता है. आंदोलन का मतलब किसी संगठित सत्ता या व्यवस्था के खिलाफ पैदा हुआ सामूहिक संघर्ष, जिसका मकसद सत्ता या व्यवस्था में सुधार या बदलाव लाना होता है. आंदोलन, राजनीतिक सुधारों के अलावा, सामाजिक, धार्मिक, पर्यावरणीय, या सांस्कृतिक लक्ष्यों को पाने के लिए भी चलाए जाते हैं.


आंदोलन के कुछ और खास बातें
आंदोलन, किसी अन्याय से प्रभावित लोगों को एकजुट करता है. आंदोलन के जरिए लोग सामूहिक रूप से सामाजिक बदलाव ला सकते हैं या रोक सकते हैं. 


आंदोलन के कुछ उदाहरण
चिपको आंदोलन, नागरिक अधिकार आंदोलन. भारत की आज़ादी के लिए अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन दो तरह के थे. पहला अहिंसक आंदोलन और सशस्त्र क्रांतिकारी आंदोलन. पिकेटिंग भी विरोध का एक तरीका होता है. इसमें लोग किसी कार्यस्थल या किसी कार्यक्रम की जगह के बाहर इकट्ठा होते हैं. अक्सर इसका मकसद दूसरों को अंदर जाने से रोकना होता है. 


 



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