Bhola Pandey Passes Away : 1980 के लोकसभा चुनाव से पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की गिरफ्तारी ने कांग्रेस की किस्‍मत बदल दी. देशभर में इंदिरा गांधी की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन हो रहे थे. उसी समय बागी बलिया के एक शख्‍स ने विमान का अपहरण कर लिया. विमान अपहरण की खबर के बाद पूरी दुनिया की निगाहें बलिया के इस बागी पर पड़ी. इस कारनामे ने कांग्रेस से भी नजदीकियां बढ़ा दीं. आखिरकार इंदिरा गांधी ने बलिया के बागी को रिहा करवाया था. इसके बाद सियासत में कद बढ़ता गया. 


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कौन थे भोला पांडेय?
हम बात कर रहे हैं बलिया के पूर्व कांग्रेस विधायक डॉ. भोला पांडेय का. भोला पांडेय का शुक्रवार को लखनऊ स्थित उनके आवास पर निधन हो गया. वह काफी समय से बीमार चल रहे थे. भोला पांडेय की निधन की खबर से बलिया में शोक की लहर दौड़ गई. बलिया के तमाम नेता लखनऊ पहुंचने लगे. भोला पांडेय कांग्रेस के मसीहा माने जाते थे. साथ ही गांधी परिवार के बहुत करीबी थे. बताया जाता है कि विमान हाईजैक कांड के बाद कांग्रेस ने भोला पांडेय के लिए हमेशा के लिए दरवाजे खोल दिए थे. वह कांग्रेस से दो बार विधायक चुने गए. साथ ही कांग्रेस के राष्‍ट्रीय महासचिव भी रहे. इसके अलावा 1991 में उन्‍हें राष्‍ट्री महासचिव भी बनाया गया.   


भोला पांडेय का राजनीतिक करियर 
भोला पांडेय का जन्‍म 25 अक्‍टूबर 1973 को बलिया के बैरिया के मुन‍िछपरा गांव में हुआ था. शुरुआती पढ़ाई बैरिया में हुई. इसके बाद वह बनारस के लिए रवाना हो गए. यहां बीएचयू से स्‍नातक की पढ़ाई की. इसके बाद हिन्‍दी विषय से पीएचडी भी की. भोला पांडेय का शुरू से ही कांग्रेस से जुड़ाव था. बात 1978 की है उस समय केंद्र में मुरारजी देसाई की सरकार थी. 19 दिसंबर 1978 को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया था. इसकी सूचना मिलने पर डॉ. भोला पांडेय ने 20 दिसंबर 1978 को बोइंग 737 विमान का अपहरण कर लिया. 


विमान अपहरण की रोचक घटना 
खास बात यह थी कि भोला पांडेय ने क्रिकेट की बॉल को रूमाल में लपेट लिया और उसे बम बताते हुए लखनऊ से दिल्ली जाने वाले विमान की वाराणसी में लैंडिंग करा दी. पूछताछ हुई तो उन्होंने इंदिरा गांधी को तत्काल रिहा करने की मांग रखी. इस घटना ने एक झटके में ही डॉ. भोला पांडेय को दुनिया में छा गए. इस घटना के बाद वह जेल गए तो पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्‍हें रिहा करवाया था. जेल से बाहर आते ही उन्‍हें कांग्रेस ने विधानसभा का टिकट दे दिया. साल 1980 में द्वाबा के उस समय के मजबूत नेता मैनेजर सिंह को हराकर पहली बार भोला पांडेय विधायक बने. इसके बाद 1989 में दूसरी बार विधायक चुने गए. 1986 से 1990 तक ऑल इंडिया यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रहे. 



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