UPPCL PF घोटाला केस: पूर्व MD की गिरफ्तारी के बाद CM योगी ने साधा अखिलेश पर निशाना
सीएम योगी ने लिखा है कि भ्रष्टाचार के रक्तबीज पर यूपी सरकार के `जीरो टॉलरेन्स तलवार` के वार से भ्रष्टाचारी त्राहिमाम कर रहे हैं.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के पीएफ (PF) घोटाले (UPPCL PF Scam Case) में एक और गिरफ्तारी हुई है. बिजली विभाग (Electricity Department) के पूर्व एमडी एपी मिश्रा (AP Mishra) को गिरफ्तार किया गया है. वहीं, इसके बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर सीधा निशाना साधा है. सीएम योगी आदित्यनाथ के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से लिखा गया है कि UPPCL के पूर्व MD जो अखिलेश यादव के नयन तारे थे, इन्हें 3 बार सेवा विस्तार मिला था, हिरासत में लिए गए हैं. तो भाई अखिलेश बाबू, ये रिश्ता क्या कहलाता है.
सीएम योगी ने लिखा है कि भ्रष्टाचार के रक्तबीज पर यूपी सरकार के 'जीरो टॉलरेन्स तलवार' के वार से भ्रष्टाचारी त्राहिमाम कर रहे हैं. UPPCL के पूर्व MD जो अखिलेश यादव के नयन तारे थे, इन्हें 3 बार सेवा विस्तार मिला था, हिरासत में लिए गए हैं. तो भाई अखिलेश बाबू, ये रिश्ता क्या कहलाता है. वहीं, एक अन्य ट्वीट में लिखा गया है कि बिजलीकर्मियों के जीपीएफ और सीपीएफ की राशि मेहनतकशों की वर्षों की साधना से इकट्ठा हुई है. भ्रष्टाचार के चूल्हे में मेहनत की लकड़ी नहीं जलेगी. यूपी सरकार बिजलीकर्मियों की रकम की पाई-पाई की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.
बता दें कि बिजली विभाग के एमडी एपी मिश्रा की गिरफ्तारी बिजली विभाग में हुए घोटाले में भूमिका होने की वजह से हुई. इससे पहले कॉर्पोरेशन के पूर्व निदेशक सुधांशु द्विवेदी और इम्पलाइज ट्रस्ट के तत्कालीन सचिव प्रवीण कुमार गुप्ता को पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार किया गया था.
जानें कौन हैं एपी मिश्रा
- एपी मिश्रा UPPCL के पूर्व MD रहे हैं.
- एपी मिश्रा को मुलायम सिंह और अखिलेश यादव का करीबी बताया जाता है.
- 2012 में अखिलेश सरकार बनते ही किसी IAS की जगह एक इंजीनियर एपी मिश्रा को UPPCL का प्रबंध निदेशक बनाया गया था.
- एपी मिश्रा पूर्वांचल और मध्यांचल के भी MD रहे.
- एपी मिश्रा को रिटायर होने के बाद तीन बार सेवा विस्तार भी मिला था.
- 24 मार्च 2017 में योगी सरकार बनने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था.
- आरोप है कि 17 मार्च 2017 में जब योगी सरकार का शपथ ग्रहण नहीं हुआ था तभी आनन-फानन में एपी मिश्र के कहने पर ही DHFL में निवेश की पहली क़िस्त जारी कर दी गई थी.