यूपी में लगातार हो रहीं लव जेहाद की घटनाओं को देखते हुए योगी सरकार ने कैबिनेट में एक अध्यादेश को मंजूरी दी है. ये अध्यादेश झांसे में डालकर या झूठ बोलकर धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश पर अंकुश लगाने के लिए बनाया गया है. इस अध्यादेश को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं. ऐसे में आपको हम आसान भाषा में बताते हैं कि आखिर ये अध्यादेश कहता क्या है? यूपी कैबिनेट द्वारा पारित किए गए ‘विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020’में कुछ ऐसे बिंदु हैं, जो धोखे या जबरन धर्म परिवर्तन की घटनाओं पर लगाम लगाने का काम करेंगे. 


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1. झांसा देकर धर्म परिवर्तन किया तो होगी सख्ती 
धर्म छिपाकर या जबरन धर्म परिवर्तन कराकर होने वाली शादियों को रोकने के लिए योगी सरकार ने धर्मांतरण अध्यादेश के मसौदे को मंजूरी दी है. झांसा देकर, झूठ बोलकर या छल-प्रपंच करके धर्म परिवर्तन करने-कराने वालों के साथ सरकार सख्ती से पेश आएगी. कानपुर में आए लव जेहाद के 8 केसेज में ऐसा ही किया गया था. 


2. सिर्फ शादी के लिए धर्म परिवर्तन मान्य नहीं
अगर सिर्फ शादी के लिए लड़की का धर्म बदला गया तो इसे माना नहीं जाएगा. ऐसी शादी न केवल अमान्य घोषित कर दी जाएगी, बल्कि धर्म परिवर्तन कराने वालों को 10 साल तक जेल की सजा भी भुगतनी पड़ सकती है.किसी एक धर्म से अन्य धर्म में लड़की का धर्म परिवर्तन सिर्फ एकमात्र प्रयोजन शादी के लिए किया जाता है तो ऐसा विवाह शून्य (अमान्य) की श्रेणी में लाया जा सकेगा।


3. कानून बना तो बनेगा गैर जमानती अपराध 
राज्यपाल की मंजूरी मिलते ही ये कानून प्रभाव में आ जाएगा. नया कानून अमल में आने के बाद झांसा देकर धर्म परिवर्तन कराना गैर जमानती अपराध होगा.


4. धर्म परिवर्तन के लिए स्वेच्छा जरूरी
अध्यादेश के अनुसार एक धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तन के लिए संबंधित पक्षों को विहित प्राधिकारी के समक्ष उद्घोषणा करनी होगी कि यह धर्म परिवर्तन पूरी तरह स्वेच्छा से है. संबंधित लोगों को यह बताना होगा कि उन पर कहीं भी, किसी भी तरह का कोई प्रलोभन या दबाव नहीं है. धर्म परिवर्तन पूरी तरह स्वेच्छा से है, इसकी घोषणा करनी होगी.


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6. डीएम को धर्म परिवर्तन के लिए देनी होगी सूचना
अध्यादेश के अनुसार धर्म परिवर्तन का इच्छुक होने पर संबंधित पक्षों को तय प्रारूप पर जिला मजिस्ट्रेट को दो माह पहले सूचना देनी होगी. इसका उल्लंघन करने पर 6 माह से 3 वर्ष तक की सजा हो सकती है. इस अपराध में न्यूनतम जुर्माना 10,000 रुपये तय किया गया है.


7. जबरन धर्म परिवर्तन कराया तो चलेगा मुकदमा 
दबाव डालकर या झूठ बोलकर अथवा किसी अन्य कपट पूर्ण ढंग से अगर धर्म परिवर्तन कराया गया तो ये गैर जमानती अपराध होगा. प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के न्यायालय में इसका मुकदमा चलेगा. दोष सिद्ध हुआ तो दोषी को कम से कम 1 और अधिकतम 5 साल की सजा मिलेगी और 15 हजार का जुर्माना भी भरना होगा.


8. नाबालिग या दलित महिला के धर्म परिवर्तन पर 10 साल की सजा 
अगर धर्म परिवर्तन का मामला नाबालिग लड़की, अनूसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति की महिला के संबंध में हुआ तो दोषी को 3-10 साल तक जेल और न्यूनतम 25,000 जुर्माना अदा करना पड़ेगा.


9. सामूहिक धर्म परिवर्तन पर भी सजा 
नए कानून में सामूहिक धर्म परिवर्तन के मामले में 3-10 साल तक जेल हो सकती है और कम से कम 50,000 रुपये का जुर्माना भरना होगा.


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