प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती के 31,277 पदों पर नियुक्ति के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज सुनवाई होगी. उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद और राज्य सरकार हाईकोर्ट में अपना जवाब दाखिल करेगी. बीते दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 69000 सहायक अध्यापक भर्ती के 31661 पदों पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर बेसिक शिक्षा परिषद और राज्य सरकार से जानकारी मांगी थी. यह आदेश न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने संजय कुमार यादव की याचिका पर अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी को सुनकर दिया था.


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याचिका में आरोप है कि कम मेरिट वाले अभ्यर्थियों को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया, जबकि अधिक अंक वाले अभ्यर्थियों को नहीं बुलाया गया. एडवोकेट अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी के अनुसार मिर्जापुर जिले से आवेदन करने वाले याची का ओबीसी वर्ग में शैक्षणिक गुणांक 69.5 है, लेकिन उसे काउंसलिंग के लिए नहीं बुलाया गया. जबकि ओबीसी वर्ग में ही 68.5 शैक्षणिक गुणांक से भी कम पाने वाले अभ्यर्थियों को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया. याचिका में कहा गया है कि इससे पहले मई में जारी काउंसलिंग के लिए अभ्यर्थियों की सूची में याची का नाम था.


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वहीं राज्य सरकार का पक्ष रख रहे मुख्य स्थाई अधिवक्ता बिपिन बिहारी पांडेय, अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता संजय कुमार सिंह और बेसिक शिक्षा परिषद के वकील अरुण कुमार ने हाईकोर्ट से कहा था कि नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के क्रम में की जा रही हैं और सरकार सारे नियमों का अक्षरश: पालन कर रही है. मेरिट लिस्ट में किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं है. आपको बता दें कि योगी सरकार ने 69000 शिक्षक भर्ती के 31,277 पदों पर चयनित अभ्यर्थियों को ​बीते 16 अक्टूबर को नियुक्ति पत्र बांट दिया. बाकी बचे पदों पर भर्ती प्रक्रिया शिक्षा मित्रों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने के बाद आगे बढ़ेगी. 


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