लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम-11 के साथ रविवार सुबह हुई बैठक में एक बड़ा फैसला किया. मुख्यमंत्री योगी पिछले डेढ़ महीनों के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों से उत्तर प्रदेश लौटे 5 लाख से अधिक प्रवासी मजदूरों को रोजगार देगी. इसके लिए एक उच्चस्तरीय कमिटी का गठन किया गया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इस उच्चस्तरीय कमिटी में प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज,  प्रमुख सचिव सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग, प्रमुख सचिव कौशल विकास शामिल हैं. यह कमिटी ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त नौकरियों व रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के साथ ही लोगों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने की रणनीति पर काम करेगी.


UP : दबंगों पर युवक को जबरदस्ती सैनिटाइजर पिलाने का आरोप, पीड़ित की अस्पताल में मौत


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सोच है कि लॉकडाउन के दौरान 5 लाख से ज्यादा श्रमिक और मजदूर दुसरे राज्यों से वापय यूपी लौटेने के लिए मजबूर हुए हैं उन्हें राज्य में ही रोजगार मिले. मुख्यमंत्री योगी ने अधिकारियों से कहा कि इन सभी श्रमिकों और मजदूरों के जीवन यापन की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी भी राज्य सरकार की है.



लिहाजा इन श्रमिकों और मजदूरों के लिए उनके गांव या जिले में ही रोजगार की व्यवस्था करनी होगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उच्चस्तरीय कमिटी ये रणनीति तैयार करे कि यूपी के श्रमिकों और मजदूरों को राज्य के अंदर ही कैसे रोजगार दिया जाए? जल्द ही यह कमिटी अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपेगी.


राजस्थान के कोटा से लौटे छात्रों को किया गया क्वॉरंटीन, परिजनों ने जताया CM योगी का आभार


योगी सरकार का फोकस लोगों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने का भी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है​ कि मजदूरों और श्रमिकों को राज्य में ही रोजगार की व्यवस्था हो तो पलायन रुकेगा और प्रदेश की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी.


WATCH LIVE TV