Unifed Pension Scheme: सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) की घोषणा हो चुकी है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भले ही इस बात को खारिज कर दिया हो कि यह एक राजनीतिक फैसला था, लेकिन सत्ताधारी बीजेपी इसके सहारे एक रूठे हुए वोट बैंक के मान जाने की उम्मीद कर रही है. सरकारी कर्मचारियों का एक धड़ा पुरानी पेंशन योजना (OPS) के वादे के चलते कांग्रेस की ओर झुक गया था. सरकारी कैडर भगवा पार्टी का एक अहम वोट बैंक रहा है, लेकिन हालिया चुनावों में वह बीजेपी से नाराज रहा.


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कांग्रेस के हथियार की धार कर दी कुंद


OPS की बहाली की मांग को कांग्रेस ने बीजेपी को हराने के लिए राजनीतिक मिसाइल की तरह इस्तेमाल किया. हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के लिए यह दांव कारगर साबित हुआ, जहां सरकारी कर्मचारी परंपरागत रूप से हावी रहे हैं. बीजेपी को इसके चलते मध्य प्रदेश में खास नुकसान नहीं हुआ. वहां उसने लोकसभा और विधानसभा दोनों चुनावों में बड़ी जीत हासिल की.


लोकसभा चुनाव में भी सरकारी कर्मचारियों की पेंशन का मुद्दा भले ही उतना जोरदार न रहा हो, बीच-बीच में उसकी गूंज पार्टी के कानों तक जरूर पहुंचती थी. राजनीतिक विश्‍लेषक तो मानकर बैठे थे कि हालिया नतीजों के बाद, आगामी चुनावों में OPS पर बीजेपी को सियासी नुकसान झेलना पड़ सकता है.


करीब 18 महीनों की मंत्रणा के बाद, यूनिफाइड पेंशन स्कीम को लागू करने का फैसला हुआ. बीजेपी नीत एनडीए सरकार ने यह फैसला ऐसे वक्त में किया है जब हरियाणा, जम्मू और कश्‍मीर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. महाराष्‍ट्र और झारखंड में भी इसी साल चुनाव प्रस्तावित हैं.


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जीत के बाद नहीं किया लागू


कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों में OPS का झंडा खूब बुलंद किया था, लेकिन राजस्थान, एमपी और छत्तीसगढ़ में धूल फांकने के बाद उसने तौबा कर ली. लोकसभा चुनाव 2024 के घोषणापत्र में पार्टी ने OPS का जिक्र तक नहीं किया. जब केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव UPS पर कैबिनेट के फैसले के बारे में बता रहे थे, उन्होंने कांग्रेस पर इस बारे में तंज भी कसा.


वैष्णव ने बताया कि कैसे कांग्रेस ने हिमाचल और राजस्थान में इसे एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया, लेकिन पार्टी ने कभी भी OPS को लागू नहीं किया. वैष्णव ने कहा, 'कांग्रेस हमेशा कर्मचारियों के प्रति असंवेदनशील रही है, जो हिमाचल और राजस्थान में परिलक्षित होता है. पार्टी ने दोनों राज्यों में वादे किए, लेकिन OPS को लागू करने में विफल रही... भ्रम पैदा करने की उनकी राजनीति एक बार फिर उजागर हुई.'


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केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, UPS प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सोच-विचार के बाद लाई गई योजना है, क्योंकि यह पूरी तरह से राज्य द्वारा वित्तपोषित है और अंतर-पीढ़ी समानता का वादा करती है.। मंत्री ने कहा, "इसके अलावा, वर्तमान जरूरत के हिसाब से धन उपलब्ध कराया जाएगा, भविष्य के लिए कुछ भी नहीं छोड़ा जाएगा, जैसा कि कांग्रेस ने हिमाचल और राजस्थान में किया था.'


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