भारतीय Covaxin का US ने माना लोहा, कहा- Alpha और Delta वेरिएंट्स के खिलाफ है प्रभावी
Covaxin Efficacy On Covid Variants: भारतीय कोविड वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) को अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) ने कोरोना वायरस के अल्फा और डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ खासी असरदार माना है. इसे लेकर एनआईएच ने 2 अध्ययन किए थे.
वॉशिंगटन: भारतीय कंपनी भारत बायोटेक (Bharat Biotech) द्वारा विकसित की कोविड-19 कोवैक्सीन के असरकारी होने की बात को अब अमेरिका ने भी मान लिया है. अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) ने अपनी जांच में पाया है कि कोवैक्सीन (Covaxin) डोज लेने के बाद शरीर में बनने वाली एंटीबॉडीज COVID-19 के अल्फा और डेल्टा वेरिएंट्स से लड़ने में प्रभावी हैं.
ब्लड सीरम का किया गया था अध्ययन
एनआईएच ने कहा है, 'वैक्सीन लेने वाले लोगों के ब्लड सीरम पर हुए 2 अध्ययन से पता चलता है कि टीके से जो एंटीबॉडीज बनती हैं, वह ब्रिटेन और भारत में मिले कोरोना के B.1.1.7 (अल्फा) और B.1.617 (डेल्टा) वेरिएंट्स पर असरदार हैं.' हालांकि कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के नतीजे अब तक प्रकाशित नहीं हुए हैं और दूसरे चरण के नतीजे काफी अच्छे रहे थे.
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अमेरिका के टॉप विशेषज्ञ कर चुके हैं तारीफ
कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के अंतरिम नतीजों के मुताबिक, यह वैक्सीन सिम्पटोमैटिक मामलों में 78 फीसदी तक असरदार है और बिना लक्षण वाले मामलों में 70 फीसदी तक असर करती है. वहीं कोरोना के गंभीर मामलों में यह 100 फीसदी प्रभावी है. अमेरिका के इंफेक्शन डिजीज एक्सपर्ट डॉक्टर एंथनी फौसी कई बार कोवैक्सीन की तारीफ कर चुके हैं. इसी साल उन्होंने कहा था कि भारत में बनी कोवैक्सीन कोरोना के 617 वेरिएंट्स को खत्म करने में सक्षम है.
कोवैक्सीन को डेड कोरोना वायरस से बनाया गया है जो शरीर में इस वायरस से लड़ने के लिए पर्याप्त एंटीबॉडी का निर्माण करता है. इसे भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के साथ मिलकर विकसित किया है.