प्योंगयेंग: अमेरिका स्थित ह्यूमन राइट्स वॉच (US-based Human Rights Watch) ने उत्तर कोरिया (North Korean) की जेल में बंद कैदियों पर किए जा रहे अमानवीय अत्याचार पर बड़ा खुलासा किया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकारी अपनी बात मनवाने के लिए आम आदमी पर अत्याचार करते हैं. अगर कोई अधिकारियों के आदेश को नहीं मानता तो उसे जबर्दस्ती हिरासत में रखा जाता है और यातनाएं दी जाती हैं. मानवाधिकार समूह ने कहा है कि उत्तर कोरियाई न्याय प्रणाली लोगों को 'एक जानवर से भी कम' मानती है और इसे दुनिया से छिपाने की पूरी कोशिश की जा रही है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यह भी पढ़ें:असम और मिजोरम के सीमावर्ती इलाके में हिंसक झड़प, गृह मंत्रालय ने बुलाई बैठक


हिरासत के दौरान अत्याचार
मानवाधिकार संगठन ने दावा किया है कि उसन उत्तर कोरिया के दर्जनों पूर्व बंदियों और अधिकारियों के साक्षात्कार किए. इसमें पता चला कि हिरासत के दौरान अमानवीय स्थितियां होती हैं. बेहद अत्याचार होता है. बंदियों की लाठियों से पिटाई की जाती है. पूर्व बंदियों ने कहा है कि उन्हें फर्श पर घुटने के बल बैठने के लिए मजबूर किया जाता है. कई बार ऐसा 15-16 घंटे तक चलता रहता है. कई बार 1000 से अधिक बार यार्ड के चक्कर लगवाए जाते हैं. इस दौरान हाथों, लाठी या चमड़े की बेल्ट से पीटा जाता है. एक पूर्व बंदी पार्क जी चेल ने कहा कि ‘अगर हम यह सजा पूरी किए बिने बैरक में चले गए तो हमारे हाथों को जूतों से कुचला जाता है.’ एक पूर्व बंदी यंग यंग चेओल ने कहा, ‘वहां जानवर से भी
ज्यादा खराब व्यवहार होता है.’


हिरासत के दौरान यौन हिंसा
इतना ही नहीं कुछ महिलाओं ने यौन हिंसा तक की बात कही. एक पूर्व व्यापारी महिला ने बताया कि एक बार पूछताछ के दौरान अधिकारियों ने उसके साथ बलात्कार किया था. एक अन्य पुलिस अधिकारी ने उससे पूछताछ करते हुए उसका यौन उत्पीड़न किया लेकिन वह विरोध नहीं कर सकी. मानवाधिकार समूह की रिपोर्ट में उत्तर कोरिया में यातना, क्रूरता, अमानवीय और अपमानजनक व्यवहार को समाप्त करने का आह्वान किया गया है. 


VIDEO