देहरादून/नैनीताल: उत्तराखंड के तमाम हिस्सों, खासतौर से कुमाऊं क्षेत्र में मूसलाधार बारिश ने तबाही मचा दी है. आपदा में अब तक 38 लोगों की मौत हो चुकी है. पिछले दो दिनों में ही 16 लोगों की मौत हो गई.सोमवार को 5 लोगों की मौत हुई थी तो मंगलवार को 11 लोगों की मौत हो गई. नैनीताल शहर, राज्य के बाकी हिस्सों से कट गया है. तेज बारिश के चलते कई मकान ढह गए और कई लोग मलबे में फंसे हुए हैं.


कई जगह लैंडस्लाइड 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

लैंडस्लाइड के चलते नैनीताल तक जाने वाली तीन सड़कों पर आवाजाही पूरी तरह थम गई है, इस वजह से इस पर्यटक स्थल का राज्य के बाकी हिस्सों से संपर्क टूट गया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में कहा कि बादल फटने और लैंडस्लाइड के बाद कई लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है. धामी ने आश्वस्त किया कि सेना के तीन हेलीकॉप्टर राज्य में चल रहे राहत एवं बचाव अभियानों में मदद करने के लिए जल्द पहुंचेंगे. इनमें से दो हेलीकॉप्टरों को नैनीताल भेजा जाएगा, जहां भारी बारिश से बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. 


कई मकान ढहे


बादल फटने और लैंडस्लाइड से कई मकान ढह गए हैं और मलबे में लोग फंसे हुए हैं. एक हेलीकॉप्टर को बचाव अभियान में मदद करने के लिए गढ़वाल क्षेत्र में भेजा जाएगा. मंगलवार को जान गंवाने वाले 11 लोगों में से आठ की जानकारी देते हुए स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (एसईओसी) ने यहां बताया कि नैनीताल जिले के मुक्तेश्वर और खैराना के क्रमश: तोतापानी और क्वारव गांवों में भारी बारिश के बाद मकान ढहने की दो अलग-अलग घटनाओं में सुबह सात लोगों की मौत हो गई थी.



 


मलबे में फंसे कई लोग


एसईओसी ने बताया कि इस बीच, उधम सिंह नगर के बाजपुर इलाके में भारी बारिश से एक शख्स बह गया. अल्मोड़ा जिले के भेटरोजखान इलाके में रापाड गांव में एक मकान ढहने के बाद उसके मलबे में चार लोग फंस गए जिनमें से एक महिला को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. एसईओसी ने बताया कि जिले के भिकियासेन में एक बिल्डिंग ढहने से मलबे में एक ही परिवार के सभी सदस्य फंस गए हैं लेकिन अभी उनकी संख्या का पता नहीं चला है. चमोली जिले के जोशीमठ के पास मलबे में तीन महिलाओं समेत चार मजदूर फंस गए. घटना में एक महिला मजदूर घायल हो गई जबकि बाकी के लोग सुरक्षित हैं.



 


यह भी पढ़ें; 'एक बार देखो, हजार बार देखो...'इन जगहों पर घूमने के बाद यही कहेंगे


चारधाम यात्रियों से अपील


मुख्यमंत्री ने राज्य के आपदा प्रबंधन मंत्री धान सिंह रावत और राज्य के डीजीपी अशोक कुमार के साथ बारिश से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया. उन्होंने सभी जिला मजिस्ट्रेटो से किसानों को हुए नुकसान का आकलन करने और जल्द से जल्द उन्हें एक रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया. उन्होंने लोगों से न घबराने की अपील करते हुए कहा कि उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने चारधाम यात्रियों से फिर अपील की कि वे जहां हैं, वहीं रुक जाएं और मौसम में सुधार होने से पहले अपनी यात्रा शुरू न करें. उन्होंने चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों के जिला मजिस्ट्रेट से चारधाम यात्रा मार्ग पर फंसे हुए तीर्थयात्रियों की खासतौर से देखभाल करने का निर्देश दिया.


(INPUT: एजेंसी)


LIVE TV