उत्तराखंड UCC ड्राफ्ट के कवर पेज पर ऐसा क्या है, जिसे देख सब हो रहे हैरान?
Uttarakhand UCC Draft: यह शायद बहुत दुर्लभ होगा जब न्याय की देवी की आंखें खुली दिखाई गई हैं. शायद इस बात को प्रदर्शित कर रही हैं कि वह समाज को समान तरीके से देख सकें. जिसमें केवल समानता ही नजर आए.
Goddess Of Justice Nyay Ki Devi: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को शुक्रवार को एक विशेषज्ञ समिति द्वारा यूसीसी का ड्राफ्ट सौंप दिया गया. यह ड्राफ्ट राज्य में सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, विरासत और संपत्ति जैसे मामलों में समान कानून लागू करने का मार्ग प्रशस्त करेगा. हालांकि, ड्राफ्ट में शामिल एक तस्वीर ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया है.
असल में ड्राफ्ट के कवर पेज पर न्याय की देवी की आंखों पर पट्टी नहीं बंधी है, जो कि पारंपरिक चित्रण से अलग है. इस तस्वीर को लेकर विभिन्न तरह की व्याख्याएं की जा रही हैं. कुछ लोगों का मानना है कि यह तस्वीर इस बात का प्रतीक है कि यूसीसी सभी नागरिकों के लिए समान न्याय सुनिश्चित करेगा, चाहे उनका धर्म या जाति कुछ भी हो. वहीं, अन्य लोगों का कहना है कि यह तस्वीर न्याय की पारदर्शी और निष्पक्ष प्रक्रिया का प्रतीक है.
न्याय की देवी की खुली आंखें
इस तस्वीर के चर्चा में होने को लेकर कहा जा सकता है कि कमेटी के लोगों का यह मानना होगा कि सभी को समान अधिकार सुनिश्चित हों और यह इस ड्राफ्ट के माध्यम से संभव है. न्याय की देवी की खुली आंखें इस बात का प्रतीक हैं कि यूसीसी सभी नागरिकों के साथ समान व्यवहार करेगा, चाहे उनका धर्म या जाति कुछ भी हो.
‘समानता द्वारा समरसता’
इस तस्वीर को लेकर कहा जा रहा है कि यह समानता और न्याय का संदेश दे रही है. खुली आंखें इस बात का प्रतीक हैं कि यूसीसी सभी नागरिकों के साथ समान व्यवहार करेगा, चाहे उनका धर्म या जाति कुछ भी हो. ड्राफ्ट की कॉपी के ऊपर मोटे अक्षरों में लिखा हुआ है ‘समानता द्वारा समरसता.’ इसका मतलब है कि ड्राफ्ट का उद्देश्य समाज में समानता और समरसता स्थापित करना है. इस ड्राफ्ट को समान नागरिक संहिता उत्तराखंड- 2024 नाम दिया गया है.
विधानसभा का विशेष सत्र
बता दें कि यूसीसी पर कानून पारित करने के लिए उत्तराखंड विधानसभा का चार दिवसीय विशेष सत्र पहले ही 5-8 फरवरी तक बुलाया जा चुका है. 5 फरवरी को विधानसभा का विशेष सत्र शुरू होगा, उसके अगले दिन यूनिफॉर्म सिविल कोड विधेयक को विधानसभा में पेश किया जा सकता है.