सरकार की दो संस्थाओं ने इस बात को माना है कि कोरोना के खात्म के लिए लगने वाली वैक्सीन के एक नहीं बल्कि कई दुष्प्रभाव हैं. पुणे के व्यवसायी प्रफुल्ल सारदा द्वारा दाखिल की गई आरटीआई के जवाब में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने चौंकाने वाला खुलासे किए हैं.


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कोरोना के खिलाफ लगने वाले 5 वैक्सीन्स के दुष्प्रभावों पर आरटीआई के जवाब में आईसीएमआर डॉ. लियाना सुसान जॉर्ज और सीडीएससीओएस के सुशांत सरकार ने कई प्रकार के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी है.


वैक्सीन और उनके साइड इफेक्ट्स


कोविशिल्ड लगाने वाले लोगों में लगातार उल्टी, लगातार पेट दर्द, सांस फूलना, सीने में दर्द, दौरे, आंखों में दर्द, धुंधली दृष्टि, उल्टी के साथ पेट दर्द, सिरदर्द, लाल धब्बे या खरोंच, किसी विशेष पक्ष या शरीर के अंगों की कमजोरी, बॉडी पेन या हाथ दबाने पर सूजन की दिक्कत सामने आईं.


कोवोवैक्स के साइड-इफेक्ट्स के रूप में, इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, इंजेक्शन वाली जगह पर खुजली, थकान, अस्वस्थता, बढ़े हुए लिम्फ नोड्स, पीठ दर्द, उल्टी की मतली, ठंड लगना, अस्थेनिया, बुखार, शरीर में दर्द या अंगों में अत्यधिक दर्द, मांसपेशियों में दर्द से ग्रसित हो सकते हैं.


कोवाक्सिन के हल्के लक्षणों में पसीना, सर्दी, चक्कर आना, उल्टी, बुखार, खांसी, शरीर में दर्द, चक्कर आना, साइट दर्द, पेट में दर्द, मतली, कंपकंपी, सिरदर्द और थकान हो सकता है.


स्पुतनिक वी के दुष्प्रभाव के रूप में सामान्य बेचैनी, माइलियागिया, शक्तिहीनता, अपच, भूख न लगना, व्यक्ति को सिरदर्द, या कभी-कभी बढ़े हुए क्षेत्रीय लिम्फ नोड्स, इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द, मतली, ठंड लगना, बुखार, आथ्र्राल्जिया के साथ प्रकट होता है.


कारबीईवैक्स से सूजन, दाने, प्रुरिटिस, जलन, थकान, शरीर में दर्द, माइलियागिया, बुखार/पाइरेक्सिया, सिरदर्द, पित्ती, ठंड लगना, सुस्ती के अलावा इंजेक्शन साइट दर्द/इरिथेमा, मतली, या आथ्र्राल्जिया जैसे प्रभाव दिखाता है.


क्या सरकार ने शुरू किया सुरक्षा अभियान?


सारदा ने सरकार से डेटा की मांग की है. सारदा ने पूछा है कि क्या कोरोना वैक्सीन के दुष्प्रभावों के बारे में मीडिया, अस्पतालों, वैक्सीनेशन सेंटर्स द्वारा जानकारी दी गई गई थी और क्या सरकार ने लोगों के लिए किसी सुरक्षा अभियान की शुरुआत की है?


सरकार ने इस मामले में स्पष्ट कर दिया है कि दुनिया भर के एजेंसियों ने एक बेंचमार्क तय किया है कि सिर्फ उन्हीं वैक्सीनों पर विचार होगा, जो 60 फीसदी तक प्रभावी हैं. हालांकि, ज्यादातर वैक्सीन 70 से 90 फीसदी तक प्रभावी दिखी हैं. सरकार की तरफ से कहा गया कि 100 करोड़ से अधिक लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका है, लेकिन इसमें बेहद कम लोगों में साइड इफेक्ट देखने को मिला है.


इनपुट- आईएएनएस


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